Friday, 21 September 2018

राज्यव्यवस्था : भारत का संविधान

राज्यव्यवस्था : भारत का संविधान


संविधान उन प्रावधानों का संग्रह है, जिसके आधार पर किसी देश का शासन चलाया जाता है।

राज्यव्यवस्था (Polity)


राज्यव्यवस्था संविधान का अनुप्रयोग है जब संविधान को किसी देश में लागू किया जाता है तो संविधान को लागू करने के क्रम में जो कानून सरकार के निर्णय और संस्थायें उभर कर सामने आती हैं उन्हे सामूहिक रूप से राज्यव्यवस्था कहते हैं।

शासन (Governance)


संविधान
» भाग (Part)
» अध्याय (Chapter)
» अनुच्छेद (Article) व धारा (Section)
» परंकुत (Clause)
» उपपरंकुत (Subclause)
» अनुसूची (Schedule)
नोट : यह संविधान के अंतिम में डाली गयी विषयों की वह सूची है, जो संविधान के किसी अर्टिकल या                                                                               अन्य प्रावधान की व्याख्या करती है।

संविधान का वर्णन


 (अ) दर्शन (1/3)

  • प्रस्तावना
  • मौलिक अधिकार
  • राज्य की नीति-निदेशक तत्व
  • मौलिक कर्तव्य

 (ब) सरकार का गठन (50%)

  • सरकार (संस्था तो शासन चालाती है)
    1. विधायिका (कानून बनाने का कार्य)
      1. सांसद
        • केन्द्र की विधायकी (लोक सभा एवं राज्य सभा)
        • प्रांत की विधायिका (राज्य विधान मंण्डल) - विधान परिषद एवं विधान सभा
    2. कार्यपालिका (कानून लागू करने का कार्य)(कार्यपालिका के अन्तर्गत - केन्द्र व राज्य दोनो आते हैं। केन्द्र में राष्ट्रपति, प्राधानमंत्री, केन्द्र की मंत्रीपरिषद व उपराष्ट्रपति तथा राज्य में राज्यपाल, मुख्यमंत्री व मंत्रीपरिषद।)
      1. राजनीतिक कार्यपालिका
        • अस्थायी
          • मंत्रीपरिषद
      2. प्रशासनिक कार्यपालिका
        • स्थाई
          • नौकरशाही
    3. न्यायपालिका (न्याय करने वाली संस्था)

 (स) विविध (15% - 20%)

  • नागरिकता
  • पंचायत
  • नगरपालिका

संविधान में बहुमत के प्रकार


  • साधारण बहुमत: उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का बहुमत।
  • प्रभावी बहुमत: प्रभावी सदस्य संख्या का बहुमत।
  • विशेष बहुमत: यह तीन (3) प्रकार का होता है:-
    • उपस्थित व मतदान करने वाले सदस्यों का 2/3 बहुमत (Article 249 - 312)
    • उपस्थित व मतदान करने वाले सदस्यों का 2/3 बहुमत जो कुल सदस्य संख्या के आधे से कम ना हो।
    • कुल सदस्य संख्या का 2/3 (Article 61)

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