Monday, 3 September 2018

बिम्सटेक

बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम) के चौथे शिखर सम्मेलन का आयोजन नेपाल की राजधानी काठमांडू में किया गया।

इस सम्मेलन की थीम “समृद्ध व शांतिपूर्ण बंगाल की खाड़ी क्षेत्र की ओर अग्रसर” थी। भारत की ओर से इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी चौथी नेपाल यात्रा थी।

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इस सम्मेलन में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, तटीय शिपिंग, अन्तरिक्ष, उर्जा, परिवहन और पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गयी। इसके अलावा आतंकवाद का सामना करने तथा व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाने पर भी बल दिया गया।
इस सम्मेलन में श्रीलंका के राष्ट्रपति मैथ्रीपाला सिरीसेना, म्यांमार के राष्ट्रपति यु. विन मिंट, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओ चा तथा भूटान के मुख्य न्यायधीश व अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार दाशो त्शेरिंग वांगचुक ने हिस्सा लिया।
बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम)
बिम्सटेक में भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल शामिल है। यह देश विश्व की कुल जनसँख्या का 22% हिस्सा हैं, इनका संयुक्त घरेलु उत्पाद (जीडीपी) 2.8 ट्रिलियन डॉलर है। बिम्सटेक की घोषणा 6 जून, 1997 को बैंकाक घोषणा के द्वारा की गयी थी। इसका मुख्यालय बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित है। प्रथम बिम्सटेक शिखर सम्मेलन का आयोजन थाईलैंड में 1997 में किया गया था।
बिम्सटेक का प्रमुख उद्देश्य सदस्य देशों के बीच तकनीकी व आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। आरम्भ में बिम्सटेक में व्यापार, तकनीक, उर्जा, परिवहन, पर्यटन और मतस्यपालन के क्षेत्र में ही सहयोग की व्यवस्था थी। 2008 में इसमें आठ अन्य सेक्टर कृषि, जन स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद का सामना, पर्यावरण, संस्कृति, जलवायु परिवर्तन तथा जन सम्पर्क को भी जोड़ा गया।
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