रेल मंत्रालय ने 15 अगस्त 2018 को भारतीय रेल की विरासत के प्रति लोगों को जागरूकता बनाने के लिए 'डिजिटल स्क्रीन' लॉन्च किया.
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रेलवे स्टेशनों पर क्विक रेसपांस (क्यूआर) कोड आधारित डिजिटल संग्रहालय बनाए जाने के प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप हैं.
उद्देश्य:
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प्रायोगिक स्तर पर शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य लोगों को एक से दो मिनट अवधि की लघु फिल्मों के जरिए भारतीय रेल की समृद्ध विरासत की जानकारी देना है.
मुख्य तथ्य:
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स्वतंत्रता दिवस के दिन से देश के 22 रेल स्टेशनों पर क्यूआर कोड आधारित डिजिटल स्क्रीन का संचालन शुरु कर दिया गया है.
लघु फिल्में रेलवे स्टेशनों के प्रवेश द्वारों और यात्रियों के बैठने के स्थानों पर लगाए गए डिजिटल एलईडी स्क्रिन पर दिखाई जाएंगी.
इस तरह के डिजिटल स्क्रीन फिलहाल नई दिल्ली, हज़रत निजामुद्दीन, हावड़ा, सियाल्दाह, जयपुर, आगरा छावनी, कोयंबत्तूर, लखनऊ, वाराणसी और अन्य रेलवे स्टेशनों पर लगाए गए हैं.
इसके अलावा रेलवे की विरासत को दर्शाने वाले क्यूआर कोड आधारित पोस्टर भी इन रेलवे स्टेशनों पर लगाए गए हैं.
यात्री इस क्यूआर कोड को अपने मोबाइल फोन पर स्कैन करके रेलवे की विरासत से जुड़ी वीडियो फिल्में देख सकते हैं.
नई दिल्ली और हावड़ा स्टेशन पर ऐसे पोस्टरों और डिजिटल स्क्रीन के लिए अलग से एक डिजिटल वॉल बनाया गया है.
अन्य स्टेशनों पर रेलवे ने ऐसे स्क्रीन और पोस्टरों के लिए पहले से मौजूद स्थानों का ही इस्तेमाल किया है इसके लिए अलग से कोई खर्च नहीं किया गया है.
महत्व:
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यह कदम भारतीय रेलवे की भव्य विरासत के बारे में जनता के बीच जागरूकता फैलाने के लिए किया गया हैं. रेलवे के अनुसार इस परियोजना पर कोई अतिरिक्त व्यय नहीं किया जाएगा.
नई दिल्ली और हावड़ा स्टेशन पर ऐसे पोस्टरों और डिजिटल स्क्रीन के लिए अलग से एक डिजिटल वॉल बनाया गया है. लेकिन अन्य स्टेशनों पर रेलवे ने ऐसे स्क्रीन और पोस्टरों के लिए पहले से मौजूद स्थानों का ही इस्तेमाल किया है इसके लिए अलग से कोई खर्च नहीं किया गया है.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने नवंबर 2017 में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (जो कि विश्व विरासत सूची में शामिल है) के दौरे के दौरान घोषणा की थी कि वे इस व्यस्त ट्रेन टर्मिनस को विश्व स्तरीय संग्रहालय में बदलेंगे
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