दैनिक समसामयिकी
23 July 2018 (Monday)
1.एशिया-प्रशांत में सतत विकास का केवल एक लक्ष्य हो पाएगा पूरा: यूएन
• संयुक्त राष्ट्र ने चेताया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देश 2030 तक 17 सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) में से केवल एक ही हासिल कर पाएंगे।
• संयुक्त राष्ट्र ने चेताया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देश 2030 तक 17 सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) में से केवल एक ही हासिल कर पाएंगे।
• यूएन इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड पेसिफिक के पेसेफिक (यूएन ईएससीएपी) के उप कार्यकारी सचिव कावेह जाहिदी का कहना है कि इन लक्ष्यों को हासिल करना काफी हद तक भारत के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।
• संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के तहत तय किए गए सतत विकास के लक्ष्यों में दुनियाभर के देशों को 2030 तक गरीबी, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य सुधार, शिक्षा और लोगों की खुशहाली सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास करने हैं। जाहिदी के अनुसार, अभी जिस रफ्तार से प्रयास किए जा रहे हैं उससे हम केवल शिक्षा का लक्ष्य ही हासिल कर पाएंगे। यह अपने आप में बड़ी सफलता है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
• भारत का योगदान इन सब में सबसे अधिक महत्वपूर्ण होगा लेकिन यह सरकार के लक्ष्य और निवेश पर निर्भर करेगा।
• असमानता और डिजिटल डिवाइड बड़ी समस्या : जाहिदी के अनुसार, असमानता और डिजिटल डिवाइड (इंटरनेट से जुड़े और नहीं जुड़े लोगों का अंतर) खत्म करने के लिए किए जा रहे प्रयास विपरीत दिशा में जा रहे हैं।
• असमानता केवल आय और संपत्ति में नहीं बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, आपदा के प्रभाव में भी देखी जा सकती है। ऐसे समय में जब लोग शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए मोबाइल पर निर्भर हो रहे हैं तो डिजिटल डिवाइड को कम करना जरूरी है।
2. अमेरिका और तालिबान के बीच दोहा में बातचीत शुरू
• अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए अमेरिकी अधिकारियों और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच कतर की राजधानी दोहा में बातचीत शुरू हो गई है। अमेरिका अपनी सबसे लंबी लड़ाई को खत्म करने के लिए आतंकी संगठन के साथ किसी सहमति पर पहुंचने का प्रयास कर रहा है।
• एनएबीसी न्यूज ने तालिबानी सूत्रों के हवाले से बताया है कि दोहा के एक होटल में चल रही बातचीत में अफगानिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारी भी शामिल हैं।
• दोस्ताना माहौल में चल रही बैठक : एनएबीसी न्यूज के मुताबिक, बैठक दोस्ताना माहौल में चल रही है। जिस होटल में बातचीत हो रही है वहां की सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है। होटल के कर्मचारियों तक को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों की बातचीत के लिए होटल का चुनाव इसलिए किया गया, क्योंकि शुरू में कोई पक्ष एक-दूसरे पर विश्वास नहीं कर रहा था।
• कुछ वार्ताकार रह चुके हैं जेलों में : तालिबान अक्सर अपने पुराने आतंकियों और राजनीतिक नेताओं को वार्ताकार बनाता है। दोहा में चल रही वार्ता में कुछ ऐसे वार्ताकार भी हैं, जो पहले अमेरिका या अफगानिस्तान की जेलों में रह चुके हैं। हालांकि, अब वे सक्रिय लड़ाके नहीं हैं।
• कई देशों की नजर से बचने का उपाय कर रहे तालिबान के प्रतिनिधि : रूस, चीन और अरब देशों की नजर से बचने के लिए तालिबान के प्रतिनिधि विशेष उपाय कर रहे हैं।
• अफगानिस्तान में तालिबान के एक कमांडर ने बताया कि हमारे प्रतिनिधि दोहा से लौटकर हमें बैठक का विवरण देंगे। वे हमें कई विकल्प भी सुझाएंगे। हालांकि, हमारा रवैया बिल्कुल स्पष्ट है कि अमेरिका को अपनी सेना अफगानिस्तान से वापस बुलानी ही होगी।
• अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए अमेरिकी अधिकारियों और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच कतर की राजधानी दोहा में बातचीत शुरू हो गई है। अमेरिका अपनी सबसे लंबी लड़ाई को खत्म करने के लिए आतंकी संगठन के साथ किसी सहमति पर पहुंचने का प्रयास कर रहा है।
• एनएबीसी न्यूज ने तालिबानी सूत्रों के हवाले से बताया है कि दोहा के एक होटल में चल रही बातचीत में अफगानिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारी भी शामिल हैं।
• दोस्ताना माहौल में चल रही बैठक : एनएबीसी न्यूज के मुताबिक, बैठक दोस्ताना माहौल में चल रही है। जिस होटल में बातचीत हो रही है वहां की सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है। होटल के कर्मचारियों तक को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों की बातचीत के लिए होटल का चुनाव इसलिए किया गया, क्योंकि शुरू में कोई पक्ष एक-दूसरे पर विश्वास नहीं कर रहा था।
• कुछ वार्ताकार रह चुके हैं जेलों में : तालिबान अक्सर अपने पुराने आतंकियों और राजनीतिक नेताओं को वार्ताकार बनाता है। दोहा में चल रही वार्ता में कुछ ऐसे वार्ताकार भी हैं, जो पहले अमेरिका या अफगानिस्तान की जेलों में रह चुके हैं। हालांकि, अब वे सक्रिय लड़ाके नहीं हैं।
• कई देशों की नजर से बचने का उपाय कर रहे तालिबान के प्रतिनिधि : रूस, चीन और अरब देशों की नजर से बचने के लिए तालिबान के प्रतिनिधि विशेष उपाय कर रहे हैं।
• अफगानिस्तान में तालिबान के एक कमांडर ने बताया कि हमारे प्रतिनिधि दोहा से लौटकर हमें बैठक का विवरण देंगे। वे हमें कई विकल्प भी सुझाएंगे। हालांकि, हमारा रवैया बिल्कुल स्पष्ट है कि अमेरिका को अपनी सेना अफगानिस्तान से वापस बुलानी ही होगी।
3. भीड़ की हिंसा पर अंकुश के लिए सरकार कर सकती है आइपीसी में बदलाव
• भीड़ की हिंसा पर अंकुश लगाने के लिए सरकार आइपीसी में बदलाव कर सकती है। मामले पर गंभीरता से विचार हो रहा है। इससे जुड़े लोगों का कहना है कि अभी सारी चीजें शुरुआती चरण में हैं और जल्द ये सामने आएंगी।
• ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि भीड़ की हिंसा को रोकने के लिए सरकार नया कानून बनाए। चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की बेंच ने कहा था कि इस तरह की वारदातें निश्चित रूप से चिंता का विषय हैं। ये सारे मामले रोंगटे खड़े करने वाले हैं।
• कोर्ट ने सरकार से इस मामले में संजीदगी से कदम उठाने को कहा था।
• आइपीसी में बदलाव से नहीं बनाना होगा नया कानून : सूत्रों का कहना है कि आइपीसी में बदलाव के बाद सरकार को इस मामले में नया कानून नहीं बनाना होगा। अगर मॉडल लॉ बनाया जाता है तो राज्य उसके जरिये भीड़ की हिंसा पर असरदार तरीके से कार्रवाई कर सकेंगे। एक अधिकारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के सारे फैसले को ध्यान में रखकर कार्यवाही हो रही है।
• सरकार को निर्णय करने में अभी कई दिनों का समय लगेगा, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़ा है। जो भी कानून बनेगा या फिर आइपीसी में संशोधन होगा उसकी कोर्ट अपने तरीके से व्याख्या करेगा। सरकार नहीं चाहती कि कोई सवाल खड़ा हो।
• भीड़ की हिंसा पर अंकुश लगाने के लिए सरकार आइपीसी में बदलाव कर सकती है। मामले पर गंभीरता से विचार हो रहा है। इससे जुड़े लोगों का कहना है कि अभी सारी चीजें शुरुआती चरण में हैं और जल्द ये सामने आएंगी।
• ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि भीड़ की हिंसा को रोकने के लिए सरकार नया कानून बनाए। चीफ जस्टिस दीपक मिश्र की बेंच ने कहा था कि इस तरह की वारदातें निश्चित रूप से चिंता का विषय हैं। ये सारे मामले रोंगटे खड़े करने वाले हैं।
• कोर्ट ने सरकार से इस मामले में संजीदगी से कदम उठाने को कहा था।
• आइपीसी में बदलाव से नहीं बनाना होगा नया कानून : सूत्रों का कहना है कि आइपीसी में बदलाव के बाद सरकार को इस मामले में नया कानून नहीं बनाना होगा। अगर मॉडल लॉ बनाया जाता है तो राज्य उसके जरिये भीड़ की हिंसा पर असरदार तरीके से कार्रवाई कर सकेंगे। एक अधिकारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के सारे फैसले को ध्यान में रखकर कार्यवाही हो रही है।
• सरकार को निर्णय करने में अभी कई दिनों का समय लगेगा, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़ा है। जो भी कानून बनेगा या फिर आइपीसी में संशोधन होगा उसकी कोर्ट अपने तरीके से व्याख्या करेगा। सरकार नहीं चाहती कि कोई सवाल खड़ा हो।
4. जीएसटी के सबसे ऊंचे स्लैब में अब सिर्फ 35 उत्पाद
• माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने सबसे ऊंचे 28 प्रतिशत के कर स्लैब में उत्पादों की सूची को घटाकर 35 कर दिया है। अब इस सूची में एसी, डिजिटल कैमरा, वीडियो रिकार्डर, डिशवाशर और वाहन जैसे 35 उत्पाद रह गए हैं। पिछले एक साल के दौरान जीएसटी परिषद ने सबसे ऊंचे कर स्लैब वाले 191 उत्पादों पर कर घटाया है।
• जीएसटी को एक जुलाई , 2017 को लागू किया गया था। उस समय 28 प्रतिशत कर स्लैब में 226 उत्पाद या वस्तुएं थीं। वित्त मंत्री की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद ने एक साल में 191 वस्तुओं से कर घटाया है।
• नई जीएसटी दरें 27 जुलाई को लागू होंगी।
• जो 35 उत्पाद सबसे ऊंचे कर स्लैब में बचेंगे उनमें सीमेंट, वाहन कलपुज्रे, टायर, वाहन उपकरण, मोटर वाहन, याट, विमान, एरेटेड ड्रिंक और अहितकर उत्पाद तंबाकू, सिगरेट और पान मसाला शामिल हैं।
• विशेषज्ञों का कहना है कि आगे चलकर राजस्व स्थिर होने के बाद परिषद 28 प्रतिशत कर स्लैब को और तर्कसंगत बना सकती है और सबसे ऊंचे कर स्लैब को सिर्फ सुपर लग्जरी और अहितकर उत्पादों तक सीमित कर सकती है।
• डेलायट इंडिया के भागीदार एमएस मणि ने कहा कि यह उम्मीद की जा सकती है कि राजस्व संग्रह स्थिर होने के बाद सभी आकार के टीवी, डिशवॉशर, डिजिटल कैमरा, एसी पर 18 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू हो सकती है।
• मणि ने कहा कि अच्छी स्थिति यह होगी कि सिर्फ अहितकर वस्तुओं को भी 28 प्रतिशत के स्लैब में रखा जाए , जिससे बाद में कम जीएसटी स्लैब की ओर बढ़ा जा सके।
• माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने सबसे ऊंचे 28 प्रतिशत के कर स्लैब में उत्पादों की सूची को घटाकर 35 कर दिया है। अब इस सूची में एसी, डिजिटल कैमरा, वीडियो रिकार्डर, डिशवाशर और वाहन जैसे 35 उत्पाद रह गए हैं। पिछले एक साल के दौरान जीएसटी परिषद ने सबसे ऊंचे कर स्लैब वाले 191 उत्पादों पर कर घटाया है।
• जीएसटी को एक जुलाई , 2017 को लागू किया गया था। उस समय 28 प्रतिशत कर स्लैब में 226 उत्पाद या वस्तुएं थीं। वित्त मंत्री की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद ने एक साल में 191 वस्तुओं से कर घटाया है।
• नई जीएसटी दरें 27 जुलाई को लागू होंगी।
• जो 35 उत्पाद सबसे ऊंचे कर स्लैब में बचेंगे उनमें सीमेंट, वाहन कलपुज्रे, टायर, वाहन उपकरण, मोटर वाहन, याट, विमान, एरेटेड ड्रिंक और अहितकर उत्पाद तंबाकू, सिगरेट और पान मसाला शामिल हैं।
• विशेषज्ञों का कहना है कि आगे चलकर राजस्व स्थिर होने के बाद परिषद 28 प्रतिशत कर स्लैब को और तर्कसंगत बना सकती है और सबसे ऊंचे कर स्लैब को सिर्फ सुपर लग्जरी और अहितकर उत्पादों तक सीमित कर सकती है।
• डेलायट इंडिया के भागीदार एमएस मणि ने कहा कि यह उम्मीद की जा सकती है कि राजस्व संग्रह स्थिर होने के बाद सभी आकार के टीवी, डिशवॉशर, डिजिटल कैमरा, एसी पर 18 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू हो सकती है।
• मणि ने कहा कि अच्छी स्थिति यह होगी कि सिर्फ अहितकर वस्तुओं को भी 28 प्रतिशत के स्लैब में रखा जाए , जिससे बाद में कम जीएसटी स्लैब की ओर बढ़ा जा सके।
5. सुकन्या समृद्धि योजना में अब 250 रुपये से खुलेगा खाता
• केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खोलने की न्यूनतम राशि को 1000 से घटाकर 250 रुपये कर दिया है। सालाना न्यूनतम जमा राशि की सीमा को भी 1,000 रुपये से घटाकर 250 रुपये कर दिया है।
• सरकार के कदम से पॉलिसी लेने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है। योजना के तहत 10 साल की उम्र होने तक लड़की के अभिभावक यह खाता खुलवा सकते हैं।
• गर्ल चाइल्ड के नाम पर इस सेविंग स्कीम को मोदी सरकार ने शुरू किया गया था। योजना को सुगम बनाने के लिए सरकार ने सुकन्या समृद्धि अकाउंट रूल्स, 2016 में संशोधन किया गया है। 12017 तक खुले 1.26 करोड़ खाते : 2018-19 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि यह स्कीम मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक है।
• उनका कहना था कि नवंबर 2017 तक इस स्कीम के तहत 1.26 करोड़ खाते खुलवाए गए और इनमें 19,183 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। उनका कहना था कि योजना बहुआयामी है।
• ब्याज दर पीपीएफ की तरह : पीपीएफ एवं अन्य छोटी बचत योजनाओं की तरह इस स्कीम की ब्याज दर भी तिमाही आधार पर तय होती है। जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए इस स्कीम की ब्याज दर 8.1 फीसद तय की गई है।
• सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक सुकन्या समृद्धि योजना के तहत किसी भी पोस्ट ऑफिस और सरकारी बैंक में अकाउंट खुलवाया जा सकता है।
• जमा रकम पर आयकर नहीं : खास बात है कि खाते में जो रकम जमा की जा रही है या फिर जितनी रकम उसमें जमा हुई है उस पर आयकर नहीं लगेगा।
• खाते में न्यूनतम 250 तो अधिकतम 1.5 लाख जमा हो सकेंगे। रकम जमा कराने की कोई सीमा नहीं है।
• ये खाते खुलने की तिथि से 21 साल तक वैध रहेंगे।
• केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खोलने की न्यूनतम राशि को 1000 से घटाकर 250 रुपये कर दिया है। सालाना न्यूनतम जमा राशि की सीमा को भी 1,000 रुपये से घटाकर 250 रुपये कर दिया है।
• सरकार के कदम से पॉलिसी लेने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है। योजना के तहत 10 साल की उम्र होने तक लड़की के अभिभावक यह खाता खुलवा सकते हैं।
• गर्ल चाइल्ड के नाम पर इस सेविंग स्कीम को मोदी सरकार ने शुरू किया गया था। योजना को सुगम बनाने के लिए सरकार ने सुकन्या समृद्धि अकाउंट रूल्स, 2016 में संशोधन किया गया है। 12017 तक खुले 1.26 करोड़ खाते : 2018-19 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि यह स्कीम मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक है।
• उनका कहना था कि नवंबर 2017 तक इस स्कीम के तहत 1.26 करोड़ खाते खुलवाए गए और इनमें 19,183 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। उनका कहना था कि योजना बहुआयामी है।
• ब्याज दर पीपीएफ की तरह : पीपीएफ एवं अन्य छोटी बचत योजनाओं की तरह इस स्कीम की ब्याज दर भी तिमाही आधार पर तय होती है। जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए इस स्कीम की ब्याज दर 8.1 फीसद तय की गई है।
• सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक सुकन्या समृद्धि योजना के तहत किसी भी पोस्ट ऑफिस और सरकारी बैंक में अकाउंट खुलवाया जा सकता है।
• जमा रकम पर आयकर नहीं : खास बात है कि खाते में जो रकम जमा की जा रही है या फिर जितनी रकम उसमें जमा हुई है उस पर आयकर नहीं लगेगा।
• खाते में न्यूनतम 250 तो अधिकतम 1.5 लाख जमा हो सकेंगे। रकम जमा कराने की कोई सीमा नहीं है।
• ये खाते खुलने की तिथि से 21 साल तक वैध रहेंगे।
6. क्यों मुश्किल है हरिपुर परमाणु संयंत्र पर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार में सहमति
• पश्चिम बंगाल सरकार के कड़े विरोध और 2011 में ही राज्य द्वारा प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बावजूद मोदी सरकार ने पूर्व मेदिनीपुर जिले के हरिपुर में रूस के सहयोग से प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की परियोजना पर नए सिरे से आगे बढ़ने का फैसला किया है। केंद्र के इस कदम से एक बार फिर राज्य सरकार के साथ टकराव बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं।
• परमाणु संयंत्र का खाका कब खींचा गया?
• यह परियोजना संप्रग-2 सरकार की है और 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रूस यात्रा के दौरान इसके लिए करार किया था। उस दौरान इस क्षेत्र के स्थानीय किसानों और तब विपक्ष की नेता रहीं तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इसका कड़ा विरोध करते हुए आंदोलन चलाया था।
• 2011 में राज्य की सत्ता में आने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस परियोजना को खारिज करते हुए इसकी मंजूरी देने से साफ इन्कार कर दिया था। कड़े विरोध को देखते हुए उस दौरान केंद्र ने रूस से करार होने के बावजूद परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था
• ’इस परियोजना से कितने मेगावाट बिजली का उत्पादन होना है?
• कोलकाता से 170 किमी दूर हरिपुर में रूस के सहयोग से 1650 मेगावॉट क्षमता के छह परमाणु रिएक्टर लगने हैं।
• संयंत्र की कुल क्षमता 10,000 मेगावॉट होगी। हरिपुर पूर्व मेदिनीपुर जिले में कोंटई तटीय क्षेत्र में है। परियोजना स्थल के आसपास की आबादी करीब 80,000 है और यहां के लोगों का मुख्य पेशा कृषि और मछली पालन है। संयंत्र बनाने के लिए पहले चरण में कम से कम 1000 एकड़
• पश्चिम बंगाल सरकार के कड़े विरोध और 2011 में ही राज्य द्वारा प्रस्ताव को खारिज किए जाने के बावजूद मोदी सरकार ने पूर्व मेदिनीपुर जिले के हरिपुर में रूस के सहयोग से प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की परियोजना पर नए सिरे से आगे बढ़ने का फैसला किया है। केंद्र के इस कदम से एक बार फिर राज्य सरकार के साथ टकराव बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं।
• परमाणु संयंत्र का खाका कब खींचा गया?
• यह परियोजना संप्रग-2 सरकार की है और 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रूस यात्रा के दौरान इसके लिए करार किया था। उस दौरान इस क्षेत्र के स्थानीय किसानों और तब विपक्ष की नेता रहीं तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इसका कड़ा विरोध करते हुए आंदोलन चलाया था।
• 2011 में राज्य की सत्ता में आने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस परियोजना को खारिज करते हुए इसकी मंजूरी देने से साफ इन्कार कर दिया था। कड़े विरोध को देखते हुए उस दौरान केंद्र ने रूस से करार होने के बावजूद परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था
• ’इस परियोजना से कितने मेगावाट बिजली का उत्पादन होना है?
• कोलकाता से 170 किमी दूर हरिपुर में रूस के सहयोग से 1650 मेगावॉट क्षमता के छह परमाणु रिएक्टर लगने हैं।
• संयंत्र की कुल क्षमता 10,000 मेगावॉट होगी। हरिपुर पूर्व मेदिनीपुर जिले में कोंटई तटीय क्षेत्र में है। परियोजना स्थल के आसपास की आबादी करीब 80,000 है और यहां के लोगों का मुख्य पेशा कृषि और मछली पालन है। संयंत्र बनाने के लिए पहले चरण में कम से कम 1000 एकड़
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