Topic – GS- 2- Issues relating to development and management of Social Sector/Services relating to Health, Education, Human Resources.
बच्चों के लिए नि: शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2017
लोकसभा ने बुधवार को स्कूलों में "नो-डिटेंशन" नीति समाप्त करने के लिए शिक्षा का अधिकार (आर.टी.ई.) अधिनियम में संशोधन करने के लिए एक विधेयक पारित किया है। अधिनियम के मौजूदा प्रावधानों के तहत कक्षा 8 तक किसी भी छात्र को नो डिटेंशन के तहत नहीं रखा जा सकता है।
विधेयक इस प्रावधान को यह बताने के लिए संशोधित करता है कि प्रत्येक शैक्षिक वर्ष के अंत में कक्षा 5 और कक्षा 8 में नियमित परीक्षा आयोजित की जाएगी।
अगर कोई बच्चा परीक्षा में विफल रहता है, तो उसे अतिरिक्त निर्देश दिया जाएगा, और फिर से परीक्षा लेनी होगी।
यदि वह फिर से परीक्षा में विफल रहता है, तो संबंधित केंद्रीय या राज्य सरकार स्कूलों को बच्चे को उसी कक्षा में रोकने की अनुमति दे सकती है।
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नो-डिटेंशन नीति
नो- डिटेंशन नीति कहती है कि किसी भी स्कूल में भर्ती कोई भी बच्चा किसी भी कक्षा में वापस नहीं भेजा जाएगा।
टी. एस. सुब्रमण्यम समिति ने सिफारिश की है कि जब तक बच्चा 11 वर्ष की उम्र में पहुंच कर कक्षा v पूरी नहीं करता है तब तक युवा बच्चों के लिए नो-डिटेंशन नीति का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
स्कूलों को परीक्षा के बजाए प्रत्येक बच्चे के लिए निरंतर और व्यापक मूल्यांकन (सी.सी.ई.) रखना होगा।
Source- The Hindu
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