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रेगुलेटिंग एक्ट 1973
रेगुलेटिंग एक्ट 1973
• इस एक्ट का अत्यधिक संवैधानिक महत्त्व है क्योंकि यह भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के कार्यों को नियमित एवं नियंत्रित करने की दिशा में ब्रिटिश सरकार द्वारा उठाया गया पहला कदम था तथा इसके द्वारा भारत में केन्द्रीय प्रशासन की आधारशिला रखी गयी।
अधिनियम की विशेषताएँ
• इस अधिनियम द्वारा ‘बंगाल के गवर्नर’ को ‘बंगाल का गवर्नर जनरल’ पदनाम दिया गया। लॉर्ड वारेन हेस्टिंग्स बंगाल के पहले गवर्नर जनरल बने।
• इसने बम्बई एवं मद्रास के गवर्नर को बंगाल के गवर्नर जनरल के अधीन कर दिया।
• इस अधिनियम द्वारा कलकत्ता में एक उच्चतम न्यायालय की स्थापना (1774) की गयी।
• इसके तहत कंपनी के कर्मचारियों को निजी व्यापार करने एवं भारतीय लोगों से उपहार तथा रिश्वत लेने को प्रतिबंधित कर दिया गया।
• इसके द्वारा भारत में कंपनी के राजस्व, नागरिक व सैन्य मामलों की जानकारी ब्रिटिश सरकार को देना अनिवार्य कर दिया गया जिससे कंपनी पर ब्रिटिश सरकार का नियंत्रण सशक्त हो गया।
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