हाल ही में केंद्रीय दत्तक संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) ने विवाह के बिना सहवास या रिश्तों में जुड़े लोगों को (live-in relationships) बच्चों को गोद देने से मनाही कर दी है।
प्रमुख बिंदु
यह संस्था किसी भी महिला को किसी भी लिंग के बच्चे को अपनाने की अनुमति देता है, जबकि एकल पुरुष केवल लड़कों को अपना सकते हैं।
यदि कोई आवेदक विवाहित होता है, तो पति/पत्नी दोनों को गोद लेने के लिये अपनी सहमति देनी चाहिए और कम से कम दो वर्षों तक स्थिर विवाह में होना चाहिए।
‘केंद्रीय दत्तक संसाधन प्राधिकरण’ (Central Adoption Resource Authority - CARA)
यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन कार्यरत एक सांविधिक निकाय है।
यह भारतीय बच्चों को गोद लेने जैसे मामलों के संबंध में नोडल बॉडी के रूप में कार्य करता है।
साथ ही देश के भीतर तथा विभिन्न देशों के मध्य दत्तक ग्रहणों की निगरानी एवं उन्हें विनियमित करने का कार्य करता है।
यह ‘अंतर्देशीय दत्तक ग्रहण पर हेग कन्वेंशन-1993’, जिसे वर्ष 2003 में भारत सरकार द्वारा अनुसमर्थित किया गया था, के प्रावधानों के अनुरूप कार्य करता है
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