#Jammu_Kashmir
=>सिर्फ़ जम्मू- कश्मीर में ही क्यों लागू हो सकता है राज्यपाल शासन? क्या है कारण ?
=>सिर्फ़ जम्मू- कश्मीर में ही क्यों लागू हो सकता है राज्यपाल शासन? क्या है कारण ?
०० देश के अन्य सभी राज्यों में राजनीतिक दलों के सरकार नहीं बना पाने या राज्य सरकारों के विफल होने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है जबकि जम्मू-कश्मीर में मामला थोड़ा अलग है।
यहां राष्ट्रपति शासन नहीं बल्कि राज्यपाल शासन लगाया जाता है।
०० जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद 92 के तहत राज्य में छह महीने के लिए राज्यपाल शासन लागू किया जाता है, हालांकि देश के राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बाद ही ऐसा किया जा सकता है।
०० भारत के संविधान में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त है. यह देश का एकमात्र राज्य है जिसके पास अपना ख़ुद का संविधान और अधिनियम हैं।
०० देश के अन्य राज्यों में राष्ट्रपति शासन संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत लगाया जाता है।
०० जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति से मंज़ूरी मिलने के बाद छह महीने तक राज्यपाल शासन लगाया जाता है। इस दौरान विधानसभा या तो निलंबित रहती है या इसे भंग कर दिया जाता है।
०० अगर इन छह महीनों के भीतर राज्य में संवैधानिक तंत्र बहाल नहीं हो जाता, तब राज्यपाल शासन की समय सीमा को फिर बढ़ा दिया जाता है।
०० अगर इन छह महीनों के भीतर राज्य में संवैधानिक तंत्र बहाल नहीं हो जाता, तब राज्यपाल शासन की समय सीमा को फिर बढ़ा दिया जाता है।
०० जम्मू-कश्मीर में पहली बार 1977 में राज्यपाल शासन लगाया गया था। तब कांग्रेस ने शेख़ अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस से अपना समर्थन वापल ले लिया था।
=>धारा 370 के तहत विशेष दर्जा
०० जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत प्राप्त है। अनुच्छेद 370 के तहत ही जम्मू-कश्मीर का अपना एक अलग झंडा और प्रतीक चिह्न भी है।
#IAS #UPSC #MPPSC #RPSC #CGPSC #UPPSC
०० जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत प्राप्त है। अनुच्छेद 370 के तहत ही जम्मू-कश्मीर का अपना एक अलग झंडा और प्रतीक चिह्न भी है।
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