चीन की सभ्यता
1. ह्वांग-हो नदी की घाटी मेँ प्राचीन चीन की सभ्यता का विकास हुआ। यह स्थान चीन के उत्तरी क्षेत्र मेँ स्थित है।
2. यह क्षेत्र विश्व के साथ अत्यधिक उपजाऊ क्षेत्रों मेँ से एक है। इसे चीन का विशाल मैदान कहा जाता है।
3. ह्वांग-हो नदी को पीली नदी भी कहते है, इसलिए चीन की प्राथमिक सभ्यता को पीली नदी घाटी सभ्यता भी कहा जाता है।
4. इस दौरान चीन मेँ वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण उन्नति हुई।
5. कागज एवं छपाई का आविष्कार चीन की देन है।
6. भूकंप का पता लगाने वाले यंत्र सीस्मोग्राफ का आविष्कार चीनवासियो ने नहीँ किया था।
7. ह्वांग टी (लगभग 2700 ईसा पूर्व) की पत्नी ली-जू ने पहले-पहल चीनी लोगोँ को रेशम के कीड़ों का पालन सिखाया रेशम के हल्के वस्त्रोँ का निर्माण एवं प्रयोग सर्वप्रथम चीन मेँ ही हुआ।
8. शी-ह्वांग टी (लगभग 247 ईसा पूर्व) ने समस्त चीन को एक राजनीतिक सूत्र मेँ आबद्ध किया।
9. चीन वंश के नाम पर ही पूरे देश का नाम चीन पड़ा।
10. राजा को वांग कहा जाता था।
11. चीन मेँ छठीं शताब्दी ईसा पूर्व दार्शनिक चिंतन का उद्भव हुआ।
12. दार्शनिक कंफ्यूशियस (551 ईसा पूर्व से 479 ईसा पूर्व) को कुंग जू या ऋषि कुंग के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
13. पुच्छल तारा सर्वप्रथम चीन मेँ 240 ई. मेँ देखा गया था।
14. दिशा सूचक यंत्र का आविष्कार चीन मेँ ही हुआ।
15. चीन के लोगों ने ही सर्वप्रथम यह पता लगाया कि वर्ष मेँ 365 1/4 दिन होते हैं।
16. पेय पदार्थ के रुप मेँ चाय का सर्वप्रथम प्रयोग चीन मेँ ही प्रारंभ हुआ।
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