#_दैनिक_समसामयिकी
11 June 2018(Monday)
1.एससीओ शिखर सम्मेलन में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी : संप्रभुता का सम्मान जरूरी
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि संपर्क (कनेक्टिविटी) परियोजनाएं भारत की प्राथमिकता हैं लेकिन ऐसे कार्यक्रमों को किसी भी देश की संप्रभुता और उसकी क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए।
• चीन के शहर किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के सीमित सत्र में मोदी ने कहा कि कनेक्टिविटी का मतलब केवल भौतिक संपर्क नहीं बल्कि यह लोगों से लोगों का संपर्क है। भारत, चीन की बेल्ट एवं रोड परियोजना का विरोध करता रहा है जिसका खास हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है।
• मोदी ने कहा, हम फिर से एक मंच पर पहुंचे हैं जहां भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी भूगोल की परिभाषा को बदल रही है। इसलिए, हमारे पड़ोस और एससीओ क्षेत्र में कनेक्टिविटी हमारी प्राथमिकता है। हम किसी भी ऐसी नई कनेक्टिविटी परियोजना का स्वागत करेंगे जो समावेशी, पारदर्शी, स्थाई और देशों की संप्रभुता व अखंडता का सम्मान करती हो।
• उन्होंने कहा, अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा, चाबहार बंदरगाह में भारत की सक्रिय भागीदारी विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
• शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से इतर कजाखस्तान, किर्गिस्तान और मंगोलिया के राष्ट्रपतियों से अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता की ताकि संसाधन से संपन्न तीनों देशों से भारत के संबंध मजबूत हो सकें।
2. एससीओ ने की आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मोर्चे की वकालत
• शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) ने रविवार को आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरवाद से अगले तीन साल में नए जोश से लड़ने का संकल्प व्यक्त किया। संगठन ने संयुक्त राष्ट्र के समन्वय में एकीकृत वैश्विक आतंकरोधी मोर्चा बनाने की भी वकालत की।
• दो दिवसीय सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त घोषणा पत्र में सभी तरह के आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा की गई है, लेकिन इसमें किसी आतंकी संगठन का उल्लेख नहीं किया गया है। इसके मुताबिक, सभी सदस्य देश यूएन कांप्रीहेंसिव कंवेंशन ऑन इंटरनेशनल टेरोरिज्म की स्वीकार्यता के लिए आम सहमति बनाएंगे।
• संगठन ने अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संघर्षो के शांतिपूर्ण समाधान के लिए व्यापक उपायों के महत्व पर भी जोर दिया। एससीओ नेताओं ने युवाओं से संयुक्त रूप से अपील की कि वे कट्टरवादी विचारधाराओं से प्रभावित न हों। आतंकियों को किसी भी तरह से वित्तपोषण और उन्हें तकनीकी या अन्य सहायता मुहैया कराने के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विशेषज्ञ प्रस्ताव को प्रभावी रूप से लागू करने का भी सम्मेलन में आह्वान किया गया।
• एससीओ सदस्यों ने जनसंहारक हथियारों के आतंकियों के हाथ में पहुंचने के खतरे पर भी चिंता व्यक्त की। इस खतरे से निपटने के लिए सदस्य देशों ने अंतरराष्ट्रीय कानूनी प्रावधानों को और मजबूत बनाने की वकालत की।
• एससीओ देशों से पर्यटन को दोगुना किया जा सकता है : मोदी:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ देशों के बीच पर्यटन बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने रविवार को कहा कि भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों में केवल छह फीसद पर्यटक एससीओ देशों से आते हैं। इस संख्या को आसानी से दोगुना किया जा सकता है।
• मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि साझा संस्कृतियों के बारे में जागरूकता फैलाने से पर्यटकों की संख्या में इजाफा करने में सहायता मिल सकती है। उन्होंने कहा कि हमारी साझा संस्कृतियों के बारे में जागरूकता फैलाने से इस संख्या को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। हम भारत में एससीओ फूड फेस्टिवल और बौद्ध पर्व मनाएंगे।
• मोदी ने कहा कि शिखर सम्मेलन के सफल नतीजे निकले इसके लिए भारत पूरा सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
• गौरतलब है कि एससीओ में भारत और पाकिस्तान को पूर्णकालिक सदस्यता मिलने के बाद यह पहला मौका है, जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इस शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
3. झूठे हलफनामे पर चुनाव लड़ने के अयोग्य हों उम्मीदवार
• नामांकन के साथ दिए जाने वाले हलफनामे में गलत जानकारी देकर मतदाताओं को भ्रमित करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है।
• इस याचिका में झूठा हलफनामा दाखिल करने को चुनाव का भ्रष्ट तरीका घोषित करने और उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहराए जाने की मांग की गई है। इतना ही नहीं, याचिका में झूठा हलफनामा दाखिल करने पर अभी तय छह महीने की कैद या जुर्माने की सजा को बढ़ा कर दो साल किए जाने की भी मांग है।
• यह याचिका भाजपा नेता और वकील अश्वनी कुमार उपाध्याय ने दाखिल की है। याचिका में चुनाव आयोग और विधि आयोग के सुझावों और सिफारिशों को आधार बनाया गया है। कहा गया है कि चुनाव लड़ते वक्त उम्मीदवार फार्म 26 में हलफनामा दाखिल कर अपने आपराधिक रिकार्ड, शिक्षा, चल अचल संपत्ति, योग्यता और देनदारियों का ब्योरा देता है।
• जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125ए झूठा हलफनामा दाखिल करने पर छह महीने के कारावास या जुर्माने अथवा दोनों की सजा का प्रावधान करती है। याचिकाकर्ता का कहना है कि चुनाव आयोग ने झूठे हलफनामे को गंभीर मानते हुए सुझाव दिया था कि धारा 125ए में दी गई सजा को बढ़ाकर दो वर्ष का कारावास किया जाए और जुर्माने की सजा का विकल्प खत्म किया जाए।
• यह भी कहा था कि इस अपराध को जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 (1) की सूची में शामिल किया जाए जो विभिन्न अपराधों में दोषी व्यक्ति को चुनाव लड़ने के अयोग्य ठहराती है।1झूठा हलफनामा दाखिल करना चुनाव अपराध माने जाने पर व्यक्ति दोषी करार होने भर से चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाता है, चाहे उसे जो भी सजा हुई हो।
• आयोग ने ये भी सुझाव दिया था कि हलफनामे में झूठी या गलत सूचना दिया जाना जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 100(1) के तहत चुनाव को चुनौती देने का एक आधार माना जाए।
• याचिकाकर्ता ने कहा है कि हलफनामे में झूठी जानकारी देना अभी नामांकन पत्र खारिज करने का आधार नहीं है, इसे भी नामांकन खारिज करने के आधार में शामिल किया जाए और इसे रोकने के लिए झूठा हलफनामा दाखिल करने को जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 में इसे भी चुनाव के भ्रष्ट तरीके में शामिल किया जाए।
4. शीर्ष नौकरशाही के लिए सरकार ने निजी क्षेत्र के लोगों को दिया आमंत्रण
• राष्ट्र निर्माण में निजी क्षेत्र के प्रतिभाशाली और प्रेरणादायी लोगों का सहयोग लेने के लिए सरकार ने कई विभागों में वरिष्ठ प्रशासनिक पदों पर सीधी भर्ती का फैसला किया है। यह भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा से इतर होगी और इसमें संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। प्रयोग के तौर पर फिलहाल दस पदों पर भर्ती की जाएगी।
• प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन के अनुसार सरकार प्रतिभाशाली लोगों को आमंत्रित कर रही है। ये लोग राजस्व, आर्थिक सेवाओं, आर्थिक मामलों, कृषि, समन्वय, कृषक कल्याण, सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी, पर्यावरण, वन और पर्यावरण, नई और अक्षय ऊर्जा, नागरिक उड्डयन और वाणिज्य क्षेत्र में कार्य करने के लिए आमंत्रित किए गए हैं।
• केंद्र सरकार के नियुक्ति और प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि भारत सरकार प्रतिभाशाली लोगों की सेवाएं संयुक्त सचिव स्तर पर लेकर उन्हें राष्ट्र निर्माण से जोड़ने की इच्छुक है।
• यह नियुक्ति शुरुआत में तीन साल के लिए होगी। अगर प्रदर्शन अच्छा देखा गया तो इसे पांच साल के लिए बढ़ाया जाएगा। ये लोग विभाग के सचिव और अतिरिक्त सचिव के मातहत कार्य करेंगे, जो आमतौर पर आइएएस, आइपीएस, आइएफएस और अन्य अधीनस्थ सेवाओं के होते हैं।
• वैसे केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी भी इन्हीं सेवाओं से आए होते हैं। इनकी भर्ती संघ लोक सेवा आयोग द्वारा त्रिस्तरीय परीक्षा के जरिये की जाती है। निजी क्षेत्र के जिन विशेषज्ञों को सरकारी सेवा के लिए आमंत्रित किया गया है उनकी एक जुलाई, 2018 को न्यूनतम 40 वर्ष की आयु होनी चाहिए। वे ग्रेजुएट होने चाहिए। अतिरिक्त योग्यता वाले आवेदनकर्ता को अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
• निजी क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों में कार्यरत लोग भी आवेदन कर सकते हैं। उनके लिए 15 साल का अनुभव आवश्यक होगा। चयनित अधिकारियों को संयुक्त सचिव के लिए अनुमन्य 1,44,200 रुपये से 2,18,200 रुपये का वेतनमान मिलेगा। भत्ते और सुविधाएं इसके अतिरिक्त होंगे।
5. पंचायत स्तर पर ही लगाएं बाल तस्करी पर लगाम: यूनिसेफ
• भारत में बाल तस्करी का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब मां-बाप बच्चों को खुद ही सौदागरों के हवाले कर दे रहे हैं। तमाम कानून, ढेर व्यवस्थाएं, अनेक विभाग, बड़े-बड़े आयोग व सैकड़ों संस्थाएं हैं, लेकिन मानो पूरा तंत्र बेबस है।
• बाल हितों के संरक्षण के सबसे बड़े पैरोकार संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) से यह पूछा कि बताएं, क्या किया जाना चाहिए? इस पर भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि और प्रमुख डॉ. यास्मिन अली हक ने कहा कि समाधान ग्राम स्तर पर ही संभव है। केवल कानून और योजनाएं बना देना काफी नहीं है, शत प्रतिशत क्रियान्वयन भी होना चाहिए।
• डॉ. यास्मिन अली हक ने कहा, गरीबी एक कारण है, लेकिन कोई मां-बाप यह नहीं चाहता है कि उसका बच्चा उससे दूर रहे और यातना भोगे। ग्रामीण स्तर पर भारत सरकार की अनेक योजनाएं हैं, खाद्य सुरक्षा, मनरेगा, सर्व शिक्षा, मिड डे मील, ग्रामीण आवास आदि। इनका शत प्रतिशत लाभ गरीबों को मिले ताकि वे अपने बच्चों को सौदागरों के हाथों में न सौंपे। इसके लिए भी पंचायतों को उत्तरदायित्व निभाना चाहिए।
• पंचायती राज अधिनियम ने उन्हें अधिकार और जिम्मेदारियां सौंपी हैं। पंचायतों को समग्र रूप से जा
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