Friday 18 May 2018

भारत में कौन बन सकता है राज्यपाल? कितनी शक्तियां होती हैं उनके पास...?

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न्यूज डेस्क। कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही राज्यपाल चर्चा में हैं। चुनाव नतीजे आने के बाद भाजपा और कांग्रेस + जेडीएस ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। राज्यपाल वजुभाई पटेल ने सबसे बड़ी पार्टी बनी भाजपा को सरकार बनाने के लिए बुलाया और बुकानकेरे सिद्दलिंगप्पा येदियुरप्पा यानी बीएस येदियुरप्पा ने राज्य के 25वें मुख्यमंत्री के रुप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
इन्हीं सबके बीच राज्यपाल लगातार चर्चा में बने हुए हैं। राज्यपाल की शक्तियां क्या होती हैं? वे किसको सरकार बनाने के लिए बुला सकते हैं? जैसे सवाल कई लोगों के जेहन में है। हालांकि कर्नाटक चुनाव का पूरा मामला कोर्ट में है। कांग्रेस और जेडीएस ने राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिए जाने को चुनौती दी है। कोर्ट ने शनिवार शाम 4 बजे तक भाजपा को बहुमत साबित करने के आदेश दिए हैं। आपको बता रहे हैं राज्यपाल की शक्तियां क्या होती हैं, और भारत में कौन राज्यपाल बन सकता है।
# राज्यपाल बनने के लिए क्या जरूरी?
संविधान के आर्टिकल 157 और 158 में राज्यपाल पद के लिए योग्यता बताई गई हैं। इसके मुताबिक वही व्यक्ति राज्यपाल बन सकता हो जो..
- भारत का नागरिक हो
- 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो
- संसद अथवा राज्य के विधानमंडल के किसी भी सदन का सदस्य न हो
- किसी भी लाभ के पद पर न हो
- पिछले कुछ समय में सक्रिय राजनीति में भाग न लिया हो
# राज्यपाल को कुछ न्यायिक सुविधाएं भी मिली हुई हैं, जैसे...
- राज्यपाल अपने पद की शक्तियों के प्रयोग और कर्तव्यों के पालन के संबंध में किसी न्यायालय के प्रति उत्तरदायी नहीं होते। 
- राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ फौजदारी अभियोग नहीं चलाया जा सकता। 
- कार्यकाल के दौरान राज्यपाल को बंदी बनाने के लिए न्यायालय द्वारा आदेश जारी नहीं किया जा सकता। 
- व्यक्तिगत तौर पर राज्यपाल के खिलाफ दीवानी अभियोग चलाया जा सकता है, लेकिन उन्हें इसकी दो माह पहले सूचना देना जरूरी है।
# क्या होती हैं राज्यपाल की शक्तियां...
- राज्य की विधानसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करते हैं। 
- किसी दल को बहुमत न मिला हो तो ऐसे गठबंधन दल के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करते हैं, जिसके द्वारा बहुमत प्राप्त करने की संभावना हो।
- राज्य के महाधिवक्ता, राज्य लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों को भी राज्यपाल द्वारा नियुक्त किया जाता है।
- राष्ट्रपति राज्य के हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति करते वक्त उस राज्य के राज्यपाल से परामर्श लेते हैं। 
- राज्यपाल की अनुमति के बिना धन विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता। 
- राज्यपाल राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं। 
- इसके अलावा भी राज्यपाल को कई विधायी और वित्तीय शक्तियां प्राप्त हैं।

Source - Online Patrika

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