सेना में महिलाओं के लिए एक विशेष कैडर का निर्माण कर उन्हें कई क्षेत्रों में स्थायी कमीशन देने की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है. महिलाओं को लड़ाकू भूमिका छोड़कर बाकी भूमिकाओं में स्थायी कमीशन दिया जायेगा.
सेना की ओर से जारी सूचना में कहा गया कि साइबर एवं सूचना प्रौद्योगिकी, सैन्य पुलिस कोर और सेवा चयन बोर्ड में विभिन्न पदों सहित कई क्षेत्रों में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने पर विचार किया जा रहा है.
सेना में महिलाओं की वर्तमान स्थिति
इस समय सेना महिलाओं को केवल सेना शिक्षा कोर
(एईसी) और न्यायाधीश महाधिवक्ता (जेएजी) विभाग में ही स्थायी कमीशन देती है. सेना में अधिकतर महिलाओं की भर्ती शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) अधिकारियों के रूप में होती है और उनका कार्यकाल अधिकतम 14 साल का होता है. वायुसेना में महिलाएं पहले ही लड़ाकू पायलट की भूमिका में आ चुकी हैं, जिसे सबसे महत्वपूर्ण स्थिति के तौर पर देखा जाता है जबकि सेना में महिलाएं अभी महत्वपूर्ण पदों पर नहीं दिखती हैं.
महिलाओं को सेना में समान अवसर प्रदान करने के लिए वर्ष 2008-09 में नौसेना कंस्ट्रक्टर काडर तथा एजुकेशन ब्रांच की शॉर्ट सर्विस कमीशन ऑफिसर्स बैच से सात महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिए जाने की स्वीकृति दी गई.
स्थायी कमीशन क्या है? |
सेना में स्थायी कमीशन का अर्थ है कि उक्त अधिकारी तब तक पद पर बना रहेगा जब तक वह सेवानिवृत न हो जाये. स्थायी कमीशन के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी पुणे, राष्ट्रीय सेना अकादमी देहरादून अथवा ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी - गया को ज्वाइन करना होता है. यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ही सेना में स्थायी कमीशन मिलता है. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से पास होने के उपरांत, सेना के कैडेट्स को उनके चयन के अनुसार भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून; नौ सेना के कैडेट्स को भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला और वायु सेना के कैडेट्स को वायु सेना अकादमी, हैदराबाद में भेज दिया जाता है. |
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