#काज़ीरंगा_राष्ट्रीय_उद्यान
काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का विस्तार पूर्वोत्तर भारत में असम राज्य के गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और नागाँव ज़िलों में है।
🌺#मुख्य_बिंदु:
👉इस राष्ट्रीय उद्यान में लगभग 250 से अधिक मौसमी जल निकाय (Water Bodies) हैं, इसके अलावा डिपहोलू नदी (Dipholu River ) इसके मध्य से होकर बहती है।
#काज़ीरंगा_राष्ट्रीय_उद्यान: ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में -
•मैरी कर्ज़न ने अपने पति लॉर्ड कर्ज़न के साथ इस क्षेत्र को संरक्षित घोषित करने की पहल की थी। वर्ष 1905 में काज़ीरंगा प्रस्तावित रिज़र्व फाॅरेस्ट (Kaziranga Proposed Reserve Forest) की स्थापना की गई थी।
•वर्ष 1950 में इस क्षेत्र का नाम काज़ीरंगा वन्यजीव अभयारण्य रखा गया। जबकि वर्ष 1974 में भारत सरकार ने इस राष्ट्रीय उद्यान को आधिकारिक दर्जा दिया।
•इस राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 1985 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया था।
•वर्ष 2006 में इस उद्यान को टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था। यह विश्व में टाइगर के सबसे अधिक घनत्व वाला क्षेत्र है।
•इस राष्ट्रीय उद्यान का प्रशासन असम सरकार के वन विभाग के अंतर्गत आता है।
👉विश्व के दो-तिहाई एक सींग वाले गैंडे काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में ही पाए जाते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग-37 इस राष्ट्रीय उद्यान से होकर गुज़रता है।
👉काज़ीरंगा में जीव-जंतुओं के संरक्षण प्रयासों के तहत चार मुख्य प्रजातियों- राइनो (Rhino), हाथी (Elephant), रॉयल बंगाल टाइगर (Royal Bengal Tiger) और एशियाई जल भैंस (Asiatic Water Buffalo) पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
👉उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान और कर्नाटक के बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान के बाद भारत में धारीदार बिल्लियों की तीसरी सबसे ज़्यादा जनसंख्या काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती है ।
👉इस राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं, इस स्थान को बर्डलाइफ इंटरनेशनल (BirdLife International) द्वारा एक 'महत्त्वपूर्ण बर्ड एरिया' (Important Bird Area) के रूप में नामित किया गया है।
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