Wednesday, 22 January 2020

भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL)

भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL)
* भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी बीपीसीएल एक महारत्न तेल और गैस कंपनी है
* यह भारत सरकार के अधीन कार्यरत है
* सार्वजनिक क्षेत्र की यह इकाई वर्ष 1976 में स्थापित की गई थी
* भारत पेट्रोलियम की शुरुआत स्कॉटलैंड में 1886 में बनी थी नाम रखा गया बर्मा ऑयल कंपनी
* इसके बाद पेट्रोलियम इंडस्ट्री में कॉम्पटीशन बढ़ा तो उस वक्त की तीन बड़ी कंपनियों- रॉयल डच, शेल और रॉथ्सचाइल्ड ने मिलकर एक कंपनी बनाई- एशिएटिक पेट्रोलियम
* 1928 में एशिएटिक पेट्रोलियम और बर्मा ऑयल कंपनी ने जॉइंट वेंचर शुरू किया नाम रखा गया- बर्मा शेल ऑयल स्टोरेज एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड
* आज़ादी के बाद साल 1955 में मुंबई में रिफाइनरी की शुरुआत की गई और पेट्रोलियम इंडस्ट्री में बर्मा शेल कंपनी का दखल बढ़ा इसने LPG बेचने की शुरुआत की
* 1979 में सरकार और बर्मा शेल कंपनी के बीच एग्रीमेंट हुआ 100 फ़ीसदी हिस्सा सरकार का हो गया
* 2017 में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड BPCL को महारत्न कंपनी का दर्जा मिला
* कंपनी का मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है
* मुंबई और कोच्चि में इसकी दो रिफाइनरी भी मौजूद हैं
* भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड एक फॉर्च्यून 500 कंपनी (2008 में 287 वें स्थान पर) है
* यह भारत सरकार की तीसरी सबसे बडी़ एकीकृत तेल शोधन और विपणन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी है
* भारत पेट्रोलियम को सरकार द्वारा नवरत्न का दर्जा प्राप्त है
* भारत पेट्रोलियम देश के कोने-कोने में ग्राहकों के अनुकूल ईंधन स्टेशनों की पेशकश करते हुए सर्वश्रेष्ठ संभव तरीके से अपने ग्राहकों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है
* भारत सरकार के पास कंपनी की 53.29% फीसदी हिस्सा है
* भारत के पेट्रोलियम सेक्टर में BPCL बड़ा नाम है और अच्छी खासी हिस्सेदारी है करीब 25 फीसदी
* घर में इस्तेमाल होने वाली LPG गैस से लेकर प्लेन के फ्यूल तक, सब बनाती है BPCL
* अगर कच्चे तेल यानी क्रूड ऑयल की रिफाइनिंग की बात करें तो BPCL देश में करीब 13 फ़ीसदी तेल रिफाइन करता है यानी हर साल करीब 33 मिलियन मीट्रिक टन
* इसके तकरीबन 15000 फ्यूलिंग स्टेशन हैं और 6000 LPG डिस्टीब्यूटर्स
* BPCL की शेयर मार्केट में मौजूदा वैल्यू 1 लाख 11 हज़ार करोड़ है जिसमें सरकार की हिस्सेदारी बनती है क़रीब 60 हज़ार करोड़
* 2019 में सरकार ने पूरा हिस्सा बेचनी की तैयारी कर ली है अगर सरकार सफल रहती है तो मार्च 2020 तक विनिवेश की ये प्रक्रिया पूरी होनी की संभावना है

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