Wednesday, 22 January 2020

रेल म्यूजियम

रेल म्यूजियम
* एक रेलवे संग्रहालय एक संग्रहालय है जो रेल से संबंधित परिवहन के सभी पहलुओं के इतिहास की पड़ताल करता है, जिनमें शामिल हैं लोकोमोटिव (स्टीम, डीजल, और इलेक्ट्रिक), रेलवे कार, ट्राम और रेलवे सिग्नलिंग उपकरण
* भारत में कई रेल म्यूजियम स्थित है यहां हम कुछ रेल म्यूजियम के बारे में बता रहे है
* नेशनल रेल म्यूजियम दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित है इस संग्रहालय को 1 फरवरी 1977 को आम जनता के लिए खोला गया था इसका निर्माण ब्रिटिश वास्तुकार एमजी सेटो ने 1957 किया था इसमें एक छोटी रेल गाड़ी चलती है जिससे म्यूजियम का पूरा चक्कर लगाया जा सकता है
* हावड़ा रेल संग्रहालय में पूर्वी भारत की रेलवे प्रणाली के विकास की विरासत को संरक्षित रखा गया है यहां 150 वर्षों से अधिक पुराने भाप के इंजन वह उनके रेल डिब्बे पुरानी तस्वीरें व पुराने दस्तावेज है
* राष्ट्रीय रेल संग्रहालय के बाद मैसूर रेल म्यूजियम की स्थापना वर्ष 1979 में की गई थी इसमें रखी गई यादगार वस्तुएं पूर्व में कभी मैसूर राजमहल की शान में चार चांद लगाती थी
* चेन्नई रेल संग्रहालय 16 अप्रैल 2002 को विलिविक्कम के पास इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के फर्निशिंग डिवीजन के परिसर में खोला गया था इसमें तकनीकी और विरासत के साथ-साथ ब्रिटिश राज के दशकों पुराने भाप इंजनों का बड़ा और दर्शनीय संग्रह है संग्रहालय में ऊटी मेट्टपालयम टॉय ट्रेन को भी प्रदर्शित किया गया है
* घूम रेल संग्रहालय दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के तीन संग्रहालयों में से एक है जिसकी स्थापना वर्ष 2000 में की गई थी यहां आप सबसे पुराने टॉय ट्रेन इंजन के साथ जुड़े कोच को काफी करीब से देख सकते हैं डीएचआर के पास 14 भाग इंजन है
* पूर्व दक्षिण भारतीय रेलवे के समारोहों का एक हिस्सा रहा है त्रिची रेल संग्रहालय। इस म्यूजियम की इंडोर गैलरी में पुराने दस्तावेज डिजिटल अभिलेखागार और चीनी ग्लास घड़िया घंटी स्टाफ जैसी प्राचीन कलाकृतियां संरक्षित है
* रेवाड़ी स्टीम शेड की यादों को ताजा रखने के लिए 2002 में रेवाड़ी हेरिटेज स्टीम सेंटर के नाम से पुनर्विकसित किया गया, जो कि दुनिया में बेहद अनूठी उपलब्धि है
* हावड़ा रेल संग्रहालय ऐसा रेल संग्रहालय है जो पूर्वी भारत की रेलवे प्रणाली के विकास की विरासत को संरक्षित रखे हुए है संग्रहालय में दक्षिण पूर्व रेलवे, पूर्व मध्य रेलवे, नार्थ फ्रंटियर रेलवे, पूर्व भारतीय रेलवे और सीएलडब्ल्यू के इतिहास को सुरक्षित रखा गया है

No comments: