मुंशी नवल किशोर (साहित्यकार)
* मुंशी नवल किशोर अंग्रेजी शासन के समय भारत के उद्यमी पत्रकार एवं साहित्यकार थे
* मुंशी नवल किशोर का जन्म 3 जनवरी 1836 को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था
* मुंशी नवल किशोर के माता का नाम यशोदा देवी और पिता का नाम यमुना प्रसाद था
* आगरा कॉलेज से फारसी व अंग्रेजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने छोटी सी उम्र में उर्दू के पत्र सफीरे आगरा लिखना शुरू किया था
* नवल किशोर को पिता ने मुंशी हरसुखराय के यहां भेजा जो लाहौर में कोहिनूर प्रेस चलाते थे
* नवल किशोर ने वहां अपनी क्षमता का भरपूर प्रदर्शन कर शीघ्र ही मैनेजर का पद पा लिया
* मुंशी हरसुखराय के प्रति सम्मान जताने के लिए नवल किशोर ने भी अपने नाम में मुंशी लगाना शुरु कर दिया
* फौजदारी के मामले में जब मुंशी हरसुखराय को 3 साल की सजा हुई तब भी नवल किशोर ने उनका साथ नहीं छोड़ा
* मुंशी नवल किशोर ने 23 नवंबर 1858 को लखनऊ में मुंशी नवल किशोर प्रेस की स्थापना की
* इस प्रेस के नाम कई कीर्तिमान दर्ज है
* इस प्रेस ने ही पहली बार मुकम्मल रूप से कुरान छापी और समय के साथ उसके 17 से अधिक संस्करण व 50 से अधिक टीकाएं निकाली
* 1868 में मुंशी नवल किशोर दुनिया में अकेले ऐसे प्रकाशक बन गए जिसने अत्यंत सुंदर ढंग से छपी कुरान एक रुपय आठ आने में उपलब्ध कराई
* 1870 आते-आते इस प्रेस में रोज एक लाख से ज्यादा पदों की छपाई होने लगी
* पेरिस के अल्पाइन प्रेस के बाद यह दुनिया का सबसे बड़ा प्रेस था जिसमें 12 सौ कर्मचारी अपनी जीविका अर्जित करते थे
* लोग बताते हैं कि उन दिनों इस प्रेस को हर साल 25 हजार से ज्यादा चिट्टियां मिलती थी
* 1871 में इस प्रेस ने इंग्लैंड से 131000 का कागज खरीदा था
* इस प्रेस की प्रेरणा से देशभर में 33 पुस्तकालय खुले
* एक वक्त इस प्रेस ने प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय को 2000 पुस्तक प्रदान की थी
* अपने सुनहरे दिनों में इसने अवध अकबर नाम का अपनी तरह का अनूठा उर्दू साप्ताहिक भी निकाला था
* 1871 में नवल किशोर ने लखनऊ में अपर इंडिया कूपन पेपर मिल की स्थापना की जो उत्तर भारत में कागज बनाने का पहला कारखाना था
* मुंशी नवल किशोर का निधन 19 फरवरी 1895 को हुआ
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