Thursday 18 October 2018

कोई भी सफल अथवा अनुभवी अभ्यर्थी विषयवार मानक पुस्तके ही पढ़ने की सलाह क्यों देता है?

कोई भी सफल अथवा अनुभवी अभ्यर्थी विषयवार मानक पुस्तके ही पढ़ने की सलाह क्यों देता है?
by - Rohit Pandey
लाखों लोग प्रतिवर्ष प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठते हैं जिनमे से कुछ लोग ही सफल हो पाते हैं बाकी पुनः तैयारी में जुट जाते हैं! सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत सी बाते ध्यान में रखनी होती है उसी में एक है अध्ययन सामग्री! जब हम तैयारी करना शुरू करते हैं तो बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है उनमे से सबसे बड़ी समस्या है उपयोगी किताब का चुनाव कर पाना और ये एक ऐसी समस्या है जिसका ना सिर्फ नए अभ्यर्थिओं बल्कि पुराने अभ्यर्थिओं को भी सामना करना करना पड़ सकता है!
जब भी आप किसी सफल अथवा अनुभवी अभ्यर्थी से सलाह/ दिशा निर्देश लेते हैं तो वो कुछ किताबों के नाम बताते हैं,जो देखने में बहुत बड़ी बड़ी होती हैं नया अभ्यर्थी देखते ही सहम जाता है उनमे से कुछ अभ्यर्थी तो इन किताबों का विकल्प खोजने लग जाते हैं! अब चर्चा करते हैं आखिर क्यों इन किताबों को पढ़ने की सलाह दी जाती है इसके कुछ कारण इस प्रकार हैं -
1 .इन किताबों में घटनाओं को क्रम से एवं कहानी की तरह पेश किया जाता है जिसे पढ़ने के बाद उस पूरी घटना का खाका दिमाग में बन जाता है और इस घटना से सम्बंधित तथ्य स्वयं ही दिमाग में बैठ जाते हैं !
2 .तथ्यात्मक किताबें पढ़ने से हमे तथ्यों को रटना होता है जिन्हे हम कुछ समय बाद भूल जाते हैं इसलिए बार बार रटना होता है लेकिन मानक किताबों से तथ्यों को रटना नहीं पड़ता वो स्वयं ही दिमाग में संचरित होते रहते हैं और लम्बे समय तक दिमाग में बने रहते हैं !

3 .तथ्यात्मक किताबें पढ़ने से PCS की प्रारंभिक परीक्षा तो हम पास कर भी जाते हैं लेकिन UPSC को केवल तथ्यों के आधार पर पास नहीं किया जा सकता! मान लेते हैं कि आप प्रारंभिक परीक्षा पास कर भी लिए लेकिन मुख्य परीक्षा? वर्तमान में अधिकतर राज्य सेवाओं कि मुख्य परीक्षाएं लिखित रूप में होती हैं और सबसे बड़ी चुनौती मुख्य परीक्षा पास करने की है,तथ्यात्मक किताबें दूर दूर तक मुख्य परीक्षा में उपयोगी नहीं हैं इसके लिए आपको मानक पुस्तके ही पढ़नी पड़ेगी इसलिए पहले से ही मानक पुस्तके पढ़ना जरुरी है!
4 मानक पुस्तके ना सिर्फ मुख्य परीक्षा के लिए अध्ययन सामग्री हैं बल्कि उनकी लेखन शैली से हमारी लेखन शैली का निर्माण होता है! उत्तर लिखने के लिए शब्दों का चुनाव करना,अपने विचार लिखने के लिए शुद्ध एवं आकर्षक वाक्यों का निर्माण एवं लेखन की वैज्ञानिक पद्धति का विकास होता है!
5 .मानक किताबें पढ़ने से किसी भी टॉपिक पर अपना खुद का दृष्टिकोण निर्धारित करने में सफलता मिलती है जो कि मुख्य परीक्षा में बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता है और ऐसे प्रश्नो के उत्तर दे पाने में भी सक्षम होते हैं जो कई टॉपिक को मिला कर बनाये जाते हैं! क्योंकि वर्तमान में अब कोई भी विषय कोर विषय नहीं रह गया सभी विषय एक दूसरे से जुड़ चुके हैं UPSC मुख्य परीक्षा में कुछ प्रश्न ऐसे जरूर देता है जिसमे आपसे उत्तर को विभिन्न आयामों से जोड़कर लिखने कि अपेक्षा की जाती है!
                 ऐसे बहुत से कारण हैं जो मानक पुस्तकें पढ़ना जरुरी बनाते हैं! एक बात और है जो मैं जरूर कहना चाहूंगा मानक पुस्तकों में बहुत अधिक तथ्य नहीं रहते विशेषकर तथ्यों के लिए एक तथ्यात्मक किताब भी आप जरूर रखें लेकिन तथ्यात्मक किताब पढ़ने से पहले उस विषय की मानक किताब अवश्य पढ़ें इसके बाद आप तथ्यात्मक किताब पढ़ेंगे तो तथ्यों को रटना कम पड़ेगा तथ्य अपने आप टॉपिक क ेसाथ जुड़ते

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