Friday 24 August 2018

भारत ने UAE के 700 करोड़ का बाद मदद ठुकराया

भारत ने UAE के 700 करोड़ का बाद मदद ठुकराया
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पृष्ठभूमि:

केरल में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 350 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है जबकि 7. 24 लाख विस्थापित लोगों ने 5,645 राहत शिविरों में शरण ले रखी है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18 अगस्त 2018 को राज्य की स्थिति का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से तुरंत 500 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की है. उन्होंने इसके अलावा राज्य में आई भीषण बाढ़ में जान गंवाने वालों के परिजनों को दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता देने की भी घोषणा की है.

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 21 अगस्त 2018 को घोषणा किया कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) केरल को बाढ़ की तबाही से निपटने के लिए 700 करोड़ रूपये की मदद का प्रस्ताव दिया है. हालांकि, केंद्र सरकार शायद इसे स्वीकार नहीं कर सकती है.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए केवल घरेलू प्रयासों पर निर्भर रहने के फैसले पर विचार किया.

मालदीव की सरकार ने भी केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए 35 लाख रुपये दान देने का फैसला किया है.

लगभग 30 लाख भारतीय संयुक्त अरब अमीरात में रहते और काम करते हैं जिनमें से 80 फीसदी केरल के हैं.

हालांकि, इससे पहले यूएई के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन ज़ाएद अल नाहयान ने पीड़ितों की मदद के लिए राष्ट्रीय आपातकालीन समिति भी बनाई थी.

आपदा सहायता नीति के तहत:
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गौरतलब है कि वर्ष 2004 से पहले भारत ने उत्तरकाशी भूकंप (1991), लातूर भूकंप (1993), गुजरात भूकंप (2001), बंगाल चक्रवात (2002) और बिहार में आई बाढ़ जुलाई (2004) के समय विदेशी मदद ली थी. लेकिन दिसंबर 2004 में तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत ऐसे हालात से खुद निपट सकता है. भारत ने तब से इसी आपदा सहायता नीति के तहत चलने का फैसला किया था.

भारत ने बीते 14 सालों में रूस, अमेरिका और जापान से मिली मदद को अस्वीकार किया है. वर्ष 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़, वर्ष 2005 में जम्मू-कश्मीर में आए भूकंप और वर्ष 2014 में कश्मीर में आई बाढ़ के समय इन देशों ने आर्थिक मदद की पेशकश की थी लेकिन भारत ने इससे इनकार कर दिया था.

   केरल बाढ़ द्वारा नुकसान:
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केरल में भारी बारिश और बाढ़ से कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (सायल) को 220 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि राज्य को करीब 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. राज्य में लगभग एक लाख किलोमीटर सड़कें तबाह हो चुकी हैं. इनमें 16,000 किलोमीटर लोक निर्माण विभाग की और 82,000 किलोमीटर स्थानीय सड़कें शामिल हैं. साथ ही 134 पुल भी बुरी तरह ध्वस्त हैं. बाढ़ के कारण राज्य की आय का प्रमुख स्रोत माने जाने वाले पर्यटन उद्योग को भी झटका लगा है. हजारों एकड़ खेत में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं जबकि करोड़ों रुपए की संपत्तियां पानी में डूबी हुईं हैं.

 

बाढ़ से प्रभावित जिलों में राज्यों द्वारा दिया गया राहत कार्य:
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गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 करोड़ रुपये रुपये देने का घोषणा किया है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तत्काल मदद के रूप में केरल को 20 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने का घोषणा किया है.

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने भी बाढ़ प्रभावित इस राज्य को पांच करोड़ रुपये देने का घोषणा किया है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा किया है कि उनके सभी सभी सांसद, विधायक और मंत्री एक महीने का वेतन केरल बाढ़ प्रभावितों को दान करेंगे.

ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बाढ़ प्रभावित केरल को मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने का घोषणा किया है.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केरल में बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए  मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने का घोषणा किया है.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बाढ़ प्रभावित केरल के लिए 10 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने का घोषणा किया है.

केंद्र सरकार ने एक महीने के भीतर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में चक्रवात चेतावनी केंद्र खोलने का फैसला किया है. गौरतलब है कि फिलहाल चक्रवात चेतावनी केंद्र चेन्नई, विशाखापट्टनम, भुवनेश्वर, कोलकाता, अहमदाबाद और मुंबई में हैं. वहीं, केंद्र सरकार राज्य में मौसम के सटीक पूर्वानुमान के लिए 2019 तक उच्च तकनीक का रडार भी स्थापित करेगी.

केंद्र सरकार ने 20 अगस्त 2018 को केरल की बाढ़ और भूस्खलन को 'गंभीर प्राकृतिक आपदा' घोषित किया. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद राज्य सरकार को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से अतिरिक्त सहायता मुहैया कराई जाएगी. वहीं, केरल के सभी सांसद भी अपने बाढ़ प्रभावित संसदीय क्षेत्र में सांसद क्षेत्रीय विकास निधि से 1 करोड़ रूपये तक खर्च कर सकेंगे.

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