✍✍J. K.G Indian news.
अवैध बांग्लादेसी से इतना प्रेम क्यों
भारत की राजनीति स्तर इतनी नीचे गिर गई है कि वोट बैंक के लालच में अवैध बांग्लादेसी भी सबको प्यारे लग रहे हैं. बांग्लादेसीयों के समर्थन में कुछ नेता इतना दिवाना हो गए हैं कि वह गृह युद्ध तक की धमकी दे डाले है.
अवैध प्रवासियों का भारत आवागमन का इतिहास सदियों पुरानी है. आजादी के बाद जब नागरिकता संबंधित कानून तैयार हो रहे थे तो सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन प्रधानमंत्री को बांग्लादेसीयों की अवैध आवागमन पर रोक लगाने के लिए आदेश दिए लेकिन कांग्रेस सरकार वोट बैंक की राजनीति करती रही. इस दौरान अवैध बांग्लादेशियों ने भारत के कई राज्यों में अपनी विस्तार कर लिया.
सन् 1981 में 'the London times' में यह रिपोर्ट छपी कि भारत में 1 करोड़ से भी ज्यादा अवैध बांग्लादेसी निवास करते हैं. जिनमें अधिकतर असम मैं निवास करते हैं.
यह खबर इतनी कारगर हुई कि असम छात्र संगठन ने बांग्लादेशियों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने छात्रों से समझौता किया कि 1971 के बाद भारत आए हर बांग्लादेशी अवैध है उसकी पहचान कर उसे जल्द ही बाहर किया जाएगा. इसके लिए वे NRc का भी गठन किए लेकिन वोट बैंक कि राजनीति के चलते इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया. इसका प्रत्यक्ष रूप से फायदा कांग्रेस को मिला असम में लगातार कांग्रेस की सरकार बनी रही. 2014 में जब बीजेपी की सरकार आई तो सरकार ने बङी़ मजबूती के साथ सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में इस पर काम किए. NRC के रिपोर्ट के अनुसार 40 लाख अवैध बांग्लादेशी भारत में निवास कर रहे हैं. NRC के रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस सहित भारत की लगभग हर विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया. कांग्रेस के 30 साल पुरानी PROJECT को आज बीजेपी ने जब पुरा किया तो कांग्रेस में इतनी बैचेनी क्यों आ गए . क्या यही एकता से भारत कभी विश्व शक्ति बन पाएगा..
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