भारत अमेरिका की एसटीए-1 सुविधा हासिल करने वाला 37वां देश है.
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भारत को अमेरिका से सामरिक महत्व की उच्च प्रौद्योगिकी वाली वस्तुओं की खरीद की छूट दी गई है, यह अधिकार प्राप्त करने वाला भारत एशिया का तीसरा देश बन गया है.
अब तक अमेरिका द्वारा एशिया में जापान और दक्षिण कोरिया को यह छूट दी गई थी. अमेरिका की संघीय सरकार ने भारत को "रणनीतिक व्यापार अधिकार-पत्र 1" (एसटीए1) की सुविधा देने की अधिसूचना जारी कर दी है.
घोषणा के मुख्य तथ्य
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• अमेरिका द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भारत अमेरिका की एसटीए-1 सुविधा हासिल करने वाला 37वां देश है.
• ट्रम्प सरकार ने इस मामले में भारत को एक विशिष्ट देश माना है क्योंकि भारत अभी परमाणु प्रौद्योगिकी की आपूर्ति करने वाले देशों के समूह (एनएसजी) का सदस्य नहीं है.
• इससे अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत को असैन्य क्षेत्र में उपयोग होने वाली अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी तथा रक्षा क्षेत्र से संबंधित उच्च प्रौद्योगिकी के उत्पादों की बिक्री करना आसान हो जाएगा.
एसटीए-1 सूची
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अमेरिका द्वारा अब तक एसटीए-1 सूची में केवल उन्हीं देशों को रखा गया था जो मिसाइल टेक्नोलॉजी नियंत्रण संधि (एमटीसीआर), परंपरागत हथियारों के व्यापार में पारदर्शिता लाने के लिए हुए वासेनार समझौता (डब्ल्यूए), रासायनिक एवं जैविक हथियारों के व्यापार पर नियंत्रण के लिए गठित आस्ट्रेलिया समूह (एजी) और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के सदस्य रहे हैं. भारत एनएसजी को छोड़कर बाकी तीन संधियों में शामिल है.
अमेरिका ने भारत को अभी तक एसटीए-2 में रखा हुआ था. इस सूची में अल्बानिया, हांगकांग, इस्राइल, माल्टा,सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका और ताइवान को रखा गया है
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