Sunday 22 July 2018

UPSC की मुख्य परीक्षा की समग्र तैयारी: कुछ काम की बातें

#UPSC की मुख्य परीक्षा की समग्र तैयारी:
कुछ काम की बातें-
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- 2013 की मुख्य परीक्षा से नया पैटर्न लागू हुआ है। अतः मुख्य परीक्षा के 2013 से अब तक के पेपरों को अच्छे से देख और समझ लें और समय-समय पर संदर्भ लेते रहें। आपको इन पुराने पेपरों का अध्ययन और विश्लेषण करने पर धीरे-धीरे मुख्य परीक्षा में पूछे जाने वाले सवालों का ट्रेंड समझ में आने लगेगा।

- लेखन कौशल को सुधारे बग़ैर मुख्य परीक्षा में बेहतरीन अंक लाना सम्भव नहीं है। लिहाज़ा लेखन कौशल के लिए रोज़ कुछ वक़्त राइटिंग प्रैक्टिस को दें। कम से कम हर हफ़्ते एक निबंध और एथिक्स की दो केस स्टडी लिखने का अभ्यास ज़रूर करें।

-  मैंने यह महसूस किया है, कि जो चीज़ें किसी अभ्यर्थी को बाक़ी अभ्यर्थियों से ख़ास बनाती हैं, उनमें बेहद अहम है, उसका उसके माध्यम की भाषा पर अधिकार। चाहे आप इंग्लिश मीडियम चुनें या हिंदी मीडियम या मराठी, कन्नड़ और तमिल; आपकी उस भाषा-माध्यम पर बेहतरीन पकड़ होनी चाहिए ताकि आप ख़ुद को सहज ढंग से अभिव्यक्त कर सकें। ध्यान रहे, भाषा पर अधिकार से मेरी अभिप्राय साहित्यिक, काव्यात्मक या आलंकारिक भाषा के प्रयोग से बिलकुल नहीं है। भाषा सरल, सहज और बोधगम्य होनी चाहिए।

- जैसा कि मैंने पहले भी ज़िक्र किया है कि मुख्य परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए हमारी एप्रोच इंटिग्रेटेड और व्यापक होनी चाहिए। साथ ही चीज़ों और घटनाओं को आपस में जोड़ कर देख सकने की क्षमता भी ज़रूरी है। विशेषकर सामान्य अध्ययन की पारम्परिक जानकारी को नवीनतम समसामयिक घटनाक्रम से कनेक्ट करके देखने का स्किल उत्तर की क्वालिटी को बहुत बेहतर बना सकता है। इसलिए मुख्य परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी ट्रेडिशनल नॉलेज को करेक्ट अफ़ेयर्स से निरंतर अपडेट करते रहें। जैसे- निरंतर जारी न्यायिक सुधारों या प्रशासनिक और पुलिस सुधारों की प्रक्रिया और आज का स्टेटस आदि।

- मुख्य परीक्षा की तैयारी में यह बात ध्यान रहे कि सभी पेपरों को महत्व दें और किसी भी पेपर को अपनी कमज़ोर कड़ी न बनने दें। यद्यपि यह सम्भव नहीं है कि आपके सभी पेपर बेहतरीन जाएँ पर साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि किसी पेपर में भले ही बहुत अच्छे अंक न मिले हों पर किसी भी पेपर में बहुत कम अंक भी न हों।

- 2013 की मुख्य परीक्षा से लेकर अब तक के मुख्य परीक्षा के प्रश्नपत्रों पर विशेष फ़ोकस करें। जीएस, निबंध, ओप्शनल सबजेक्ट; सभी के पेपरों को समय-समय पर देखते रहें ताकि आप पेपर की प्रवृत्तियाँ और ट्रेंड समझ सकें।

-मुख्य परीक्षा में समयबद्ध और सटीक उत्तर लेखन अभ्यास के लिए अनेक अभ्यर्थी कोई टेस्ट सीरीज़ जोईन करते हैं। यह एक बेहतर विकल्प है। टेस्ट सीरीज़ में आने वाले प्रश्नों के उत्तरों को टेस्ट के बाद एक बार देख लें, कभी-कभी ये भी तैयारी में मदद करते हैं। टेस्ट के उत्तरों में सुधार के सुझावों का स्वागत करें और निरंतर सुधार करते जाएँ लेकिन किसी भी टेस्ट सीरीज़ पाए आँख मूँद कर भरोसा न करें। टेस्ट सीरीज़ वाले परीक्षक के मत से आयोग के परीक्षक का मत भिन्न हो सकता है। कुछ ऐसे भी सफल अभ्यर्थी हैं, जो टेस्ट सीरीज़ में मिलने वाले औसत अंकों के बावजूद मुख्य परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करते हैं।

- चूँकि अब मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के प्रश्नों के उत्तर 200 शब्दों में लिखने होते हैं, अतः अपनी बात को संक्षेप में लिखने की कला सीखें। हर प्रश्न पर अगर चार-पाँच बिंदुओं की जानकारी आप को है, तो भी आप एक अच्छा उत्तर लिख सकते हैं। यदि आपको ज़्यादा जानकारी है, तो उसे संश्लिष्ट कर एक सटीक उत्तर लिखने का अभ्यास करें और इधर-उधर की बातों को लिखने से बचें।

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