Monday, 23 July 2018

Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: गोकुलधाम सोसाइटी में जश्न की तैयारी, 10 साल का होने जा रहा है जेठा लाल परिवार

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नई दिल्ली: 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah)' ऐसा कॉमेडी सीरियल है, जो बिना रुके और लगातार अपने दर्शकों का मनोरंजन कर रहा है. न तो इसमें कभी कोई लीप आया और न ही कैरेक्टर्स को लेकर कोई छेड़छाड़ ही की गई. जेठालाल और उनकी गोकुलधाम सोसाइटी अपने 11वें साल में कदम रखने जा रही है. 28 जुलाई को 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' अपने 10 साल पूरे कर लेगा. शो के जेठालाल, दयाबेन, बाबूजी, टप्पू, मेहता साब, सोढी और पोपटलाल जैसे कैरेक्टर घर-घर में लोकप्रिय हैं. 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के फैन बच्चों से लेकर बड़े तक हर कोई है.




विलियम शेक्सपियर ने कहा था कि हंसी-खुशी और हर्ष उल्लास के साथ उम्र की झुर्रियों को आने दो. खुशी लंबी उम्र देती है, इस बात को 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' सिद्ध कर चुका है. ये शो हंसने हंसने का एक दशक पूरा कर चुका है. सिटकॉम में  नंबर एक पोजीशन पर बैठे  'तारक मेहता का उल्टा चश्मा'  ने  सभी चैनल्स के अलग अलग शो में भी श्रेष्ठ 10 शो में अपना स्थान लगातार बरकरार रखा है.
'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के क्रिएटर असित कुमार मोदी का कहना है, "हर साल 28 जुलाई आता है और हमें बहुत खुशी होती है कि एक और सफल वर्ष  हंसते-खेलते निकल गया. ऐसा तो लगता ही नहीं है कि हम अपने 11वें साल में कदम रख रहे हैं. लगता है जैसे कल ही तो हमने शुरुआत की थी. 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा'  पर जैसे भगवान का आशीर्वाद है. हांलाकि हर कहानी में कई बार तनावपूर्ण सिचुएशन आती है पर  हर बार भगवान की कृपा से हम उसे सुलझाकर आगे बढ़ जाते हैं. मेरे सारे कलाकार और मेरी सारी टीम ने हमेशा मेरा पूरा सहयोग किया है. हमारे दर्शक हम पर लगातार अपने प्यार का हाथ बनाये रखते हैं. हां कभी-कभी आलोचना भी होती है पर हम उसे भी सकारात्मक रूप में ही लेते हैं. हमे सास बहू शो और ड्रामा से मुकाबला करना पड़ा पर हमारी साफ-सुथरी सकारात्मक कहानियां और हंसी मजाक का हल्का-फुल्का माहौल पारिवारिक मनोरंजन का सबसे बड़ा स्रोत है. दुःख बस इस बात का है कि आगे की यात्रा में हमारे एक साथी कवि कुमार आजाद जी हमारे साथ नहीं होंगे." 

तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की टीम इस बात में यकीन रखती है कि मनोरंजन और हंसने-हंसाने के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन भी लाया जा सकता है और देश सेवा का ये सबसे अच्छा तरीका भी है. चाहे वो हमेशा उत्साहित भिड़े व माधवी हों या हमेशा सबकी मदद करने वाले पोपटलाल, नट्टू काका और अब्दुल हों, या प्रेम में पड़ी बाघा -बावरी औह अय्यर- बबिता की जोड़ी..सभी बिना किसी ब्रेक या जनरेशन लीप के सबका बिना रुके मनोरंजन कर रहे हैं. फिर हमारी जेठालाल और दया की जोड़ी है जो अपने पिता बापूजी और बेटे टापू के साथ एक आदर्श परिवार का उदाहरण हैं. तारक और उनकी पत्नी अंजलि शांत स्वभाव के हैं वहीं सोढ़ी और रोशन चंचल हैं. डॉ. हाथी और उनकी पत्नी कोमल मस्तमौला हैं.

Source NDTV

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