स्वास्थ्य के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को दो राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं. मातृ मृत्यु दर में कमी तथा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) में बेहतर प्रदर्शन के लिए
छत्तीसगढ़ को 29 जून 2018 को पुरस्कृत किया गया.
राज्य सरकार के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इन दोनों अभियानों में राज्य के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दो “आई प्लेज फॉर 9 अचीवर्स अवार्ड” से नवाजा गया है. केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने एक कार्यक्रम में ये अवार्ड छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर को प्रदान किये.
#स्मरणीय_तथ्य
• राज्य की तीन निजी चिकित्सकों को भी डाक्टरों की श्रेणी में “आई प्लेज फॉर 9 अचीवर्स अवार्ड” से सम्मानित किया गया.
• इनमें बिलासपुर जिले की दो स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गीतिका शर्मा एवं डॉ. सुपर्णा मिश्रा तथा रायपुर जिले की डॉ. पूजा उपाध्याय शामिल हैं.
• पीएमएसएमए का मुख्य उद्देश्य महिला का प्रसव पूर्व जांच कर उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिला का उपचार एवं सुरक्षित प्रसव कराया जाकर मातृ एवं शिशु मृत्यु की दर को कम करना है.
• राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार छत्तीसगढ में प्रत्येक माह की नौ तरीख को अभियान के तहत विशेष जांच एवं इलाज कैम्प लगाकर सुरक्षित मातृत्व और इससे जुड़े तथ्यों से गर्भवती महिलाओं को अवगत कराया जाता है.
• इसमें महिला चिकित्सकों द्वारा इनकी जांच की जाती हैं जो कि पूरी तरह निःशुल्क है.
• इसमें गर्भवती महिला के लिए खून की जांच, पेशाब की जांच, रक्तचाप, मधुमेह इत्यादि जांचों सहित आवश्यक औषधियों की निःशुल्क सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.
#छत्तीसगढ़_की_उपलब्धियां
देश में मातृ मृत्यु दर में कमी दर्ज करने में भी छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य रहा है. वर्ष 2011-13 की एसआरएस रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्यु दर 221 प्रति एक लाख जीवित जन्म थी जिसमें 48 अंकों की कमी दर्ज की गई है. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में 258 निजी चिकित्सकों ने अपने योगदान के लिए पंजीयन कराया हैं. इस योजना में अब तक 4 लाख 19 हजार के आसपास गर्भवती महिलाओं को लाभ दिया जा चुका हैं. वर्तमान में शिशु मृत्यु दर वर्ष 2003 में 70 प्रति एक हजार जीवित जन्म से कम होकर वर्ष 2017 में 39 प्रति एक हजार जीवित जन्म हो गया है.
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