Saturday, 28 July 2018

बोइंग के अपाचे और शिनूक हेलीकॉटर ने भरी पहली उड़ान, अगले साल एयरफोर्स के बेड़े में होगा शामिल

बोइंग के अपाचे और शिनूक हेलीकॉटर ने भरी पहली उड़ान, अगले साल एयरफोर्स के बेड़े में होगा शामिल
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●भारत बोइंग से 22 एएच-64 ई अपाचे हेलीकॉप्टर तथा 15 सीएच-47 एफ (आई) शिनूक हेवी लिफ्ट हेलीकॉटरों की खरीद कर रहा है.
●अमेरिकी रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बोइंग के अपाचे और शिनूक सैन्य हेलीकॉप्टरों की पहली उड़ान पूरी हो गयी है.
●भारत के अपाचे और शिनूक हेलीकॉप्टरों की पहली उड़ान भारतीय सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है
●इन सैन्य हेलीकॉप्टरों की डिलिवरी अगले साल शुरू होगी. कुमार ने कहा कि भारत को एएच-64ई अपाचे तथा सीएच-47 एफ शिनूक हेलीकॉप्टरों का सबसे आधुनिक संस्करण मिलेगा.
●सरकार ने भारतीय वायुसेना के लिए 22 अपाचे तथा 15 शिनूक हेलीकॉप्टरों के अनुबंध को सितंबर, 2015 में अंतिम रूप दिया था.
●इसके अतिरिक्त रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल हथियार प्रणाली के साथ छह अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी. यह खरीद 4,168 करोड़ रुपये में की जानी है.
●सेना के लिए यह लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का पहला बेड़ा होगा. एएच-64ई दुनिया का प्रमुख मल्टी रोल लड़ाकू हेलीकॉप्टर है. अमेरिकी सेना द्वारा इसका इस्तेमाल किया जाता है.
●शिनूक मल्टी रोल, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफार्म है, जो सैनिकों, तोप, उपकरण और ईंधन के परिवहन में काम आता है. आपदा राहत कार्यों में भी इसका इस्तेमाल होता है.

बोइंग के अपाचे और शिनूक हेलीकॉटर ने भरी पहली उड़ान, अगले साल एयरफोर्स के बेड़े में होगा शामिल
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●भारत बोइंग से 22 एएच-64 ई अपाचे हेलीकॉप्टर तथा 15 सीएच-47 एफ (आई) शिनूक हेवी लिफ्ट हेलीकॉटरों की खरीद कर रहा है.
●अमेरिकी रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बोइंग के अपाचे और शिनूक सैन्य हेलीकॉप्टरों की पहली उड़ान पूरी हो गयी है.
●भारत के अपाचे और शिनूक हेलीकॉप्टरों की पहली उड़ान भारतीय सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है
●इन सैन्य हेलीकॉप्टरों की डिलिवरी अगले साल शुरू होगी. कुमार ने कहा कि भारत को एएच-64ई अपाचे तथा सीएच-47 एफ शिनूक हेलीकॉप्टरों का सबसे आधुनिक संस्करण मिलेगा.
●सरकार ने भारतीय वायुसेना के लिए 22 अपाचे तथा 15 शिनूक हेलीकॉप्टरों के अनुबंध को सितंबर, 2015 में अंतिम रूप दिया था.
●इसके अतिरिक्त रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल हथियार प्रणाली के साथ छह अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी. यह खरीद 4,168 करोड़ रुपये में की जानी है.
●सेना के लिए यह लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का पहला बेड़ा होगा. एएच-64ई दुनिया का प्रमुख मल्टी रोल लड़ाकू हेलीकॉप्टर है. अमेरिकी सेना द्वारा इसका इस्तेमाल किया जाता है.
●शिनूक मल्टी रोल, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफार्म है, जो सैनिकों, तोप, उपकरण और ईंधन के परिवहन में काम आता है. आपदा राहत कार्यों में भी इसका इस्तेमाल होता है.

रफ्तार के अलावा अपाचे की सबसे खासियत इसमें लगे सेंसर हैं जो दुश्मन को आसानी से तलाश कर उसे नेस्तनाबूद करने की ताकत रखते हैं। अपाचे हेलीकॉप्टर में नाइट विजन सिस्टम लगा है जिससे इसके कई मारक अस्त्रों की क्षमता जरूरत यानी जंग के वक्त दोगुनी हो जाती है। ऐसी ही कई अन्य खासियतें हैं जो भारतीय सेना के लिए अपाचे को अपरिहार्य बनाती हैं। एक नजरः-

अपाचे की खासियतें
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* इसकी अधिकतम रफ्तार 280 किलोमीटर प्रति घंटा है।
* अपाचे को रडार से पकड़ना बेहद मुश्किल है।
* सबसे खतरनाक हथियार : 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता।
* हेलीकॉप्टर के नीचे लगी राइफल में एक बार में 30 एमएम की 1,200 गोलियां भरी जा सकती हैं।
* अपाचे की फ्लाइंग रेंज करीब 550 किलोमीटर है।
* अपाचे हेलीकॉप्टर एक बार में पौने तीन घंटे तक उड़ सकता है।
* नाइट विजन सिस्टम की मदद से रात में भी दुश्मनों की टोह लेने, हवा से जमीन पर मार करने वाले रॉकेट दागने और मिसाइल आदि ढोने में सक्षम।
* अपाचे दुनिया के उन चुनिंदा हेलीकॉप्टर्स में शामिल है जो किसी भी मौसम या किसी भी स्थिति में दुश्मन पर हमला कर सकता है।

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