दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत, फ्रांस जैसे देश को छोड़ा पीछे
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●अर्थव्यवस्था में आई मंदी का ठीकरा साल 2016 के अंत में मोदी सरकार के द्वारा बड़े नोटों पर लागू की गई नोटबंदी को दिया गया। इस मंदी को और ज्यादा बढ़ाने का आरोप परंपरागत कर व्यवस्था वैट को हटाकर जीएसटी लागू करने को भी दिया गया।
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●अर्थव्यवस्था में आई मंदी का ठीकरा साल 2016 के अंत में मोदी सरकार के द्वारा बड़े नोटों पर लागू की गई नोटबंदी को दिया गया। इस मंदी को और ज्यादा बढ़ाने का आरोप परंपरागत कर व्यवस्था वैट को हटाकर जीएसटी लागू करने को भी दिया गया।
●भारतीय अर्थव्यवस्था पर खत्म हुआ नोटबंदी-जीएसटी का असर, 7.3 पर्सेंट की रफ्तार से बढ़ेगी GDP: वर्ल्ड बैंक
वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट: भारत में जीएसटी का सबसे जटिल फॉर्म, दुनिया में दूसरा सबसे ऊंचा टैक्स रेट
ऊंचाइयों पर पहुंचेगी भारतीय अर्थव्यवस्था, विश्व बैंक ने कहा- 2018 में 7.3 प्रतिशत होगी विकास दर
●भारत अब दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, ये जगह भारत ने फ्रांस को सातवें स्थान पर पीछे करके हासिल की है, ये दावा विश्व बैंक के साल 2017 में जारी किए गए आंकड़ों के अध्ययन से पता चला है।
●पिछले साल के अंत में भारत का सकल घरेलू उत्पाद यानी की जीडीपी 2.597 खरब डॉलर था। जबकि फ्रांस की जीडीपी 2.582 खरब डॉलर थी।
●भारत की अर्थव्यवस्था को जुलाई 2017 के बाद से कई झटके लगे हैं। कई तिमाही में अर्थव्यस्था में धीमी गति का कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा लिए गए आर्थिक फैसलों को माना गया।
●भारत की आबादी इस वक्त करीब 134 करोड़ है। भारत बहुत जल्दी ही दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। जबकि फ्रांस की आबादी सिर्फ 6 करोड़ 70 लाख है।
● विश्व बैंक के आंकड़ों की मानें तो इसका अर्थ है कि भारत की प्रति व्यक्ति आय फ्रांस की प्रति व्यक्ति आय की तुलना में करीब 20 गुना कम है।
●भारत की आबादी इस वक्त करीब 134 करोड़ है। भारत बहुत जल्दी ही दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। जबकि फ्रांस की आबादी सिर्फ 6 करोड़ 70 लाख है।
● विश्व बैंक के आंकड़ों की मानें तो इसका अर्थ है कि भारत की प्रति व्यक्ति आय फ्रांस की प्रति व्यक्ति आय की तुलना में करीब 20 गुना कम है।
●पिछले साल भारतीय अर्थव्यवस्था को सहारा देने वाले महत्वपूर्ण कारकों में निर्माण और उपभोक्ता व्यय ही प्रमुख रहे।
● अर्थव्यवस्था में आई मंदी का ठीकरा साल 2016 के अंत में मोदी सरकार के द्वारा बड़े नोटों पर लागू की गई नोटबंदी को दिया। इस मंदी को और ज्यादा बढ़ाने का आरोप परंपरागत कर व्यवस्था वैट को हटाकर जीएसटी लागू करने को भी दिया गया। लेकिन हकीकत यही है कि भारत ने बीते दस सालों में अपनी जीडीपी को दोगुना कर लिया है।
●पूरे एशिया में भारत की अर्थव्यवस्था को इंजन के तौर पर देखा जा रहा है। ये हालात तब हैं, जब भारत के पड़ोसी देश चीन की अर्थव्यवस्था भी मंदी का सामना कर रही है।
● अर्थव्यवस्था में आई मंदी का ठीकरा साल 2016 के अंत में मोदी सरकार के द्वारा बड़े नोटों पर लागू की गई नोटबंदी को दिया। इस मंदी को और ज्यादा बढ़ाने का आरोप परंपरागत कर व्यवस्था वैट को हटाकर जीएसटी लागू करने को भी दिया गया। लेकिन हकीकत यही है कि भारत ने बीते दस सालों में अपनी जीडीपी को दोगुना कर लिया है।
●पूरे एशिया में भारत की अर्थव्यवस्था को इंजन के तौर पर देखा जा रहा है। ये हालात तब हैं, जब भारत के पड़ोसी देश चीन की अर्थव्यवस्था भी मंदी का सामना कर रही है।
●अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक, भारत ने इस साल अार्थिक विकास के लिए 7.4 प्रतिशत का लक्ष्य रखा है जबकि साल 2019 के लिए 7.8 प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया है।
● भारत इस लक्ष्य को पाने के लिए घरेलू खर्च बढ़ाकर और टैक्स सुधार करने पर जोर दे रहा है।
●ये आंकड़ा तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब इसे पूरी दुनिया की औसत वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत के सापेक्ष रखा जाता है।
● भारत इस लक्ष्य को पाने के लिए घरेलू खर्च बढ़ाकर और टैक्स सुधार करने पर जोर दे रहा है।
●ये आंकड़ा तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब इसे पूरी दुनिया की औसत वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत के सापेक्ष रखा जाता है।
●लंदन आधारित आर्थिक और व्यापार शोध संस्थान का अनुमान है साल 2018 के अंत तक भारत ब्रिटेन और फ्रांस दोनों की अर्थव्यवस्था को जीडीपी के आंकड़े से पार कर जाएगा।
●भारत संभवत: साल 2032 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। साल 2017 के अंत तक, ब्रिटेन विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। उस वक्त ब्रिटेन की जीडीपी 2.622 ट्रिलियन डॉलर थी।
●वर्तमान में अमेरिका विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अमेरिका के बाद क्रमश: चीन, जापान और जर्मनी का नंबर आता है
●भारत संभवत: साल 2032 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। साल 2017 के अंत तक, ब्रिटेन विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। उस वक्त ब्रिटेन की जीडीपी 2.622 ट्रिलियन डॉलर थी।
●वर्तमान में अमेरिका विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अमेरिका के बाद क्रमश: चीन, जापान और जर्मनी का नंबर आता है
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