Friday, 8 June 2018

INSV तारिणी की टीम को नारी शक्ति पुरस्‍कार 2017

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केन्‍द्रीय महिला व बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने आज नई दिल्‍ली में आईएनएसवी तारिणी की टीम को प्रतिष्ठित नारी शक्ति पुरस्‍कार 2017 प्रदान किया। तारिणी टीम की सभी सदस्‍य महिलाएं हैं। टीम सदस्‍य, लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी, लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, लेफ्टिनेंट कमांडर स्‍वाति पतरपल्‍ली, लेफ्टिनेंट ऐश्‍वर्या वोडापट्टी, लेफ्टिनेंट एस. एच. विजया देवी तथा लेफ्टिनेंट पायल गुप्‍ता ने मंत्री महोदया से पुरस्‍कार ग्रहण किया।
इस अवसर पर मंत्री महोदया ने टीम सदस्‍यों को बधाई दी और कहा कि आईएनएसवी तारिणी भविष्‍य की पीढि़यों को ऐसे क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है जिसमें महिलाओं की भागीदारी बहुत कम रही है। उन्‍होंने आगे कहा कि नारी शक्ति पुरस्‍कार, अनुकरणीय साहस तथा टीम भावना के लिए तारिणी टीम को आभार व्‍यक्‍त करने की दिशा में एक कदम है। राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च, 2018) के अवसर पर राष्‍ट्रपति भवन में नारी शक्ति पुरस्‍कार प्रदान किए। चूंकि आईएनएसवी तारिणी टीम सागर परिक्रमा की यात्रा पर थी इसलिए ये पुरस्‍कार उस समय नहीं दिए जा सके थे।
भारतीय नौसेना नौवहन पोत ‘तारिणी’ की चालक दल भारतीय नौसेना के विशिष्‍ट परियोजना ‘नाविका सागर परिक्रमा’ का एक हिस्‍सा है जिसकी सभी सदस्‍य महिलाएं होती हैं। इस परियोजना के तहत सागर की परिक्रमा की जाती है, समुद्री नौवहन गतिविधियों को प्रोत्‍साहित किया जाता है तथा महिला सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया जाता है। चालक दल की प्रत्‍येक सदस्‍य को कम-से-कम 20,000 समुद्री मील नौकायन का अनुभव प्राप्‍त है। इस परियोजना का लक्ष्‍य विश्‍व मंच पर नारी शक्ति को प्रदर्शित करना है। स्‍वदेशी तकनीक से निर्मित आईएनएसवी तारिणी के माध्‍यम से ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी प्रदर्शित किया गया। महिला चालक दल का नेतृत्‍व लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने किया तथा सागर परिक्रमा की इस यात्रा का संचालन किया। इस यात्रा में कुल 254 दिन लगे। इनमें से 199 दिन समुद्र में बिताये गए और 21600 समुद्री मील की दूरी तय की गई। गोवा में हुई घर वापसी से पहले आईएनएसवी तारिणी ऑस्‍ट्रेलिया के फ्रेमेंटल, न्‍यूजीलैंड के लि‍टेल्‍टन, फॉकलैंड के पोर्ट स्‍टेनली, दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन तथा अंत में मॉरीशस बंदरगाहों पर विश्राम किया। कैप्‍टन दि‍लीप डोंडे ने सभी छह महिला सदस्‍यों को तीन वर्षों तक प्रशिक्षण प्रदान किया। कैप्‍टन दिलीप डोंडे 2009 और 2010 के बीच अकेले सागर परिक्रमा करने वाले पहले भारतीय हैं।

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