Sunday 17 June 2018

उत्तर प्रदेश से सम्बंधित व्यक्तियों का संक्षिप्त परिचय

उत्तर प्रदेश से सम्बंधित व्यक्तियों का संक्षिप्त परिचय
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गौतम बुद्धबौद्ध धर्मके संस्थापक, विश्व के महान दार्शनिक गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्यकुल के राजा शुद्धोधन के घर मे हुआ था। उनकी माँ का नाम महामाया था जो कोली वंश से थी इनकी पत्नी का नाम यशोधरा तथा पुत्र का नाम राहुल था |  वर्षों की कठोर साधना के पश्चातबोध गया (बिहार) में बोधी वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई, उन्होंने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया था, जिसे धर्मप्रवर्तक चक्र कहा जाता है|483 ई. पू. में 80 वर्ष की अवस्था में कुशीनगर उत्तर प्रदेश में उनको महापरिनिर्वाण की प्राप्ति हुई|बाणभट्ट: बाणभट्ट सातवीं शताब्दी के संस्कृत गद्य लेखक और कवि थे। वह राजा हर्षवर्धन के आस्थान कवि  थे। उनके दो प्रमुख ग्रंथ हैं: हर्षचरितम् तथा कादम्बरी। बाणभट्टका काल हर्षवर्धन के शासनकाल (606 ई. से 646 ई.) आसपास ही था|अमीर खुसरोइनका वास्तविक नाम था - अबुल हसन यमीनुद्दीन मुहम्मद।अमीर खुसरो का जन्म उत्तर-प्रदेश के एटा जिले के पटियाली (कासगंज) नामक. ग्राम में  1253 ई. में हुआ थासबसे पहले उन्हीं ने अपनी भाषा के लिएहिन्दवी का उल्लेख किया था। वे फारसी के कवि भी थे।वह अपने को तोता-ए-हिन्द कहते थे|  उन्हें खड़ी बोली के आविष्कार का श्रेय दिया जाता है Iअबुल फजलइसका जन्म 14 जनवरी 1551 को आगरा में हुआ था।अबुल फ़ज़लशेख़ मुबारक़ नागौरी का द्वितीय पुत्र था।उनकी दो रचनाये अकबरनामा औरआएने अकबरी है|1602 ई. मेंबुन्देला राजा वीरसिंहदेव ने शहज़ादा सलीम के उकसाने से अबुल फ़ज़ल की हत्या कर डाली।बीरबलबीरबलमुग़ल बादशाह अकबर के अकबर के नवरत्नों में सर्वाधिक लोकप्रिय एक ब्राह्मण दरबारी था।बीरबल की व्यंग्यपूर्ण कहानियों और काव्य रचनाओं ने उन्हें प्रसिद्ध बनाया था। बीरबल नेदीन-ए-इलाही अपनाया थाबीरबल का जन्म 1528 ई विक्रमी में कानपुर ज़िले के अंतर्गत 'त्रिविक्रमपुर' अर्थात् तिकवांपुर में हुआ था।बीरबल नेदीन-ए-इलाही अपनाया था, सन् 1586 ई. में बीरबल की मृत्यु हो गई  थी।सर सैयद अमहद खांसैयद अहमद ख़ाँ का जन्म 17 अक्टूबर 1817 मेंदिल्ली के सादात (सैयद) ख़ानदान में हुआ था।मुस्लिम शिक्षक, विधिवेत्ता और लेखक, ऐंग्लो-मोहमडन ओरिएंटल कॉलेजअलीगढ़, उत्तर प्रदेश, के संस्थापक थे।सर सैयद अहमद ख़ाँ ऐसे महान् मुस्लिम समाज सुधारक और भविष्यदृष्टा थे, जिन्होंने शिक्षा के लिए जीवन भर प्रयास किया। मुसलमानों में नयी शिक्षा का प्रसार करना चाहते थे|रानी लक्ष्मी बाईरानी लक्ष्मीबाई 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना थीं।उनका जन्म वाराणसी के भदैनी नगर में 19 नवंबर 1835 को हुआ था।रानी लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम मणिकर्णिका था, लोग प्यार उसे मनु कहकर बुलाते थे।मनु की माता का नाम भागीरथीबाई और पिता का नाम मोरोपंत तांबे था।इनका विवाह झाँसी के महाराज गंगाधर से हुआ था | उन्होंने गवर्नर जनरलडलहौजी की  हड़प नीति का विरोध किया, 18 जून 1858 को ग्वालियर में अंग्रेजो से लड़ते  हुए वीरगति को प्राप्त हुईनाना साहबनाना साहेब सन १८५७ के भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम के शिल्पकार थे।उनका मूल नाम 'धोंडूपंत' था। स्वतंत्रता संग्राम में नाना साहेब नेकानपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोहियों का नेतृत्व किया।नाना साहब ने सन् 1824 में वेणुग्राम निवासी माधवनारायण राव के घर जन्म लिया था।इनके पितापेशवा बाजीराव द्वितीय के सगोत्र भाई थे।तात्या टोपेतात्या टोपे का जन्म सन 1814 ई. मेंनासिक के निकट पटौदा ज़िले में येवला नामक ग्राम में हुआ था।उनकेपिता का नाम पाण्डुरंग त्र्यम्बक भट्ट तथा माता का नाम रुक्मिणी बाई था,ये नाना साहेब की फ़ौज के सेनापति थे|पंडित मदन मोहन मालवीयमहामना मदनमोहन मालवीय का जन्‍म इलाहाबाद के एक ब्राह्मण परिवार में 25 दिसंबर 1861 को हुआ था.इनके पिता का नाम ब्रजनाथ मालवीय तथा माता का नाम मूनादेवी थामालवीय जी ने वर्ष 1915 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (Hindu Banaras Hindu University) की स्‍थापना की थीमालवीय जी वर्ष 1909, 1918, 1930 और 1932 में कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए थेपं मदनमोहन मालवीय जी का निधन 85 वर्ष की अवस्‍था में 12 नवंबर 1946 को हुआ थाभारत सरकारने २४ दिसम्बर २०१४ को उन्हें भारत रत्न से अलंकृत किया।मोतीलाल नेहरुमोतीलाल नेहरू का जन्मआगरा में 6 मई 1861 हुआ थाभारत के प्रथम प्रधानमन्त्रीजवाहरलाल नेहरू के पिता थे।इन्होंने 1919 के अमृतसर और 1928 के कलकत्ता के कांग्रेस अधिवेशन की अध्यकता की थी|1923 में उन्होने देशबंधु चित्तरंजन दास के साथ काँग्रेस पार्टी से अलग होकर अपनी स्वराज पार्टी की स्थापना की|1928 में काँग्रेस द्वारा स्थापित भारतीय संविधान आयोग के भी वे अध्यक्ष बने। इसी आयोग ने नेहरू रिपोर्ट पेश की थी।मोतीलाल नेहरू का 1931 में इलाहाबाद में निधन हुआ।रामप्रसाद बिस्मिलराम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर जिले में हुआ था।उनके पिता का नाम मुरलीधर और माता का नाम मूलमती थाराम प्रसाद बिस्मिल एककवि, शायर, अनुवादक, बहुभाषाभाषी, इतिहासकार व साहित्यकार भी थे। सरफरोसी की तमन्ना....इन्ही की रचना  है|काकोरी में सरकारी खजाने को लूटने के आरोप में ब्रिटिश सरकार ने उन्हें 19 दिसम्बर 1927 को गोरखपुर जेल में फाँसी दे दी थी।मंगल पाण्डेयमंगल पाण्डेय का जन्म बलिया जिले के नगवा गाँव में 30 जनवरी को हुआ थाकोलकाता के पास बैरकपुर की सैनिक छावनी में "34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री” में पलटन सिपाही थे|चर्वी बाले कारतूस के प्रयोग पर इन्होनेमि. बाफ और मि. ह्यूसन को गोली मार दी थी|8 अप्रैल 1857 को उन्हे फासी दे दी गयी।मंगल पाण्डेय सन् 1857 ई. के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम बलिदानी थे|पंडित जवाहर लाल नेहरुजवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 कोइलाहाबाद में हुआ।1947 में वे स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमन्त्री बने|उनकी बहनविजयलक्ष्मी पंडित बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनीं1916 में इनका विवाह कमला नेहरु से हुआ और 1923 ई. में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का महासचिव बनाया गया|27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई।लाल बहादुर शास्त्रीलालबहादुर शास्त्री का जन्म2 अक्टूबर 1904 में मुगलसराय (उत्तर प्रदेश) में हुआ था।जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के पश्चात उन्हें 9 जून 1964 में भारत देश का प्रधानमन्त्री बनाया गयाताशकन्द में उनकी मृत्यु हो गयीउन्हें मरणोपरान्त वर्ष 1966 मेंभारत रत्न से सम्मानित किया गया।इन्होने ‘जय-जवान जय किसान’ का नारा दिया|कबीर दाससंतकबीरदास हिंदी साहित्य के भक्ति काल के प्रसिद्ध कवि हैं, जिन्होंने समाज और लोगों के बीच व्याप्त आडंबरों पर गहरा प्रहार किया |इनका जन्म 1425 ई में बनारसी में हुआइनका पालन पोषण नीरू-नीमा नाम के जुलाहे ने किया थाइनकी प्रमुख रचनाए साखी, सबद, रमैनीहैतुलसीदासइन्हे हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ कवियों में एक माना जाता हैइनका जन्म उत्तर प्रदेश के राजापुर में संवत १५५४ को हुआ थाइनके गुरु का नाम नरहरिदास थाइनकी प्रमुख रचनाए रामचरितमानस, विनयपत्रिका, दोहावली, कवितावली, हनुमान चालीसा, वैराग्य सन्दीपनी, जानकी मंगल, पार्वती मंगल, इत्यादि हैइनका निधन सं.1680 में हुआ थासूरदासहिन्दी साहित्य के श्रेष्ठ कृष्णभक्त कवि सूरदास का जन्म 1478 ई. में हुआ था|सूरदास के विषय में कहा जाता है कि वे जन्मांध थेइनकी प्रमुख रचनाए सूरसागर,  सूरसारावली,  साहित्य लहरीइनके गुरु का नाम बल्लभाचार्य थाइनका निधन सं. 1583 में हुआ थाउस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँबिस्मिल्लाह ख़ाँ का जन्म 21 मार्च,1916 को बिहार के डुमरांव नामक स्थान पर हुआ था।'भारत रत्न' (2001 ) से सम्मानित प्रख्यातशहनाई वादक थे।सन 1956 में बिस्मिल्लाह ख़ाँ को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।मध्य प्रदेश में उन्हें सरकार द्वारा तानसेन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।21 अगस्त, 2006 को 90 वर्ष की आयु में इनका देहावसान हो गया।

  21. ज़ियाउद्दीन बरनी

ज़ियाउद्दीन बरनी  एक इतिहासकार एवं राजनैतिक विचारक था जो मुहम्मद बिन तुग़लक़ और फ़िरोज़ शाह के काल में भारत में रहा।'तारीखे फ़ोरोज़शाही' उसकी प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है| ज़ियाउद्दीन बरनी का जन्म 1285 ई. में सैय्यद परिवार मे हुआ था। ज़ियाउद्दीनबरन (आधुनिक बुलन्दशहर) के रहने वाले थे, इसीलिए अपने नाम के साथ बरनी लिखते थे। इनकी मृत्यू 1357 ई. में हुई थी |

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