Tuesday, 12 June 2018

भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955

- भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 मेँ उपबंध है, कि 26 जनवरी 1950 के बाद भारत मेँ जन्मा कोई भी व्यक्ति, कतिपय अपेक्षाओं के अधीन रहते हुए पूरे भारत का नागरिक होगा, यदि उसके जन्म के समय उसका पिता भारत का नागरिक था।

- पहला नागरिकता संशोधन अधिनियम 1986, जिसमे पुरुष तथा भारतीय महिला की संतान भारतीय होगी। 1991 के संशोधन द्वारा भारतीय विवाहित पुरुष की संतान भी भारतीय होगी।

भाग 2 नागरिकता

अनुच्छेद 5 - संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता

अनुच्छेद 6 - पाकिस्तान से भारत को प्रवचन करने वाले कुछ व्यक्तियोँ के नागरिकता के अधिकार

अनुच्छेद 7 - पाकिस्तान को प्रवचन करने वाले कुछ व्यक्तियोँ के नागरिकता के अधिकार

अनुच्छेद 8 - भारत से बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियोँ के नागरिकता के अधिकार

अनुच्छेद 9 - विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने वाले व्यक्तियोँ का नागरिक न रह जाना।

अनुछेद 10 - नागरिकता के अधिकारोँ का बना रहना

अनुच्छेद 11 - संसद द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना

- अनुच्छेद 6 मेँ संविधान के प्रारंभ से पहले पाकिस्तान से प्रवास करने वाले व्यक्तियो की नागरिकता के अधिकारोँ का उपबंध किया गया है।

- अनुच्छेद 8 मेँ कोई व्यक्ति या उसके माता पिता मेँ से कोई पितामह या पितामही, मातामह या मातामही मेँ से कोई भारत शासन अधिनियम 1935 मेँ यथा परिभाषित भारत मेँ जन्मा था, और जो भारत के बाहर किसी देश मेँ निवास कर रहा है। उसे भारत का नागरिक समझा जाएगा।

- यदि किसी व्यक्ति ने किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित कर ली हो तो भारत की उसकी नागरिकता का उसका अधिकार खत्म हो जाएगा।

- राष्ट्रहित मेँ भारत सरकार किसी व्यक्ति को दो नागरिकताएं स्वीकार करने की अनुमति दे सकती है, जैसे सांस्कृतिक राजदूत के आधार पर अमिताभ बच्चन, सुष्मिता सेन और ऐश्वर्या राय को दोहरी नागरिकता का अधिकार दिया गया है।

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