#अर्बन_लिज़ार्ड
असम के गुवाहाटी में छिपकली की एक नई प्रजाति अर्बन बेंट- टोऐड गेको (Urban Bent-Toed Gecko) की खोज की गई।
🌺#मुख्य_बिंदु:
•इसका वैज्ञानिक नाम सिरोटोडैक्टाइलस अर्बनुस (Cyrtodactylus urbanus) है। अर्बन बेंट- टोऐड गेको को पहले खासी हिल्स छिपकली (Khasi Hills lizard) के समान माना जाता था।
•पूर्वोत्तर भारत की सभी बेंट- टोऐड गेको को एकल प्रजाति माना जाता था। सिरटोडैक्टाइलस खासीनेसिस (Cyrtodactylus Khasiensis) मुख्य रूप से मेघालय की खासी पहाड़ियों में पाई जाती है।
•यद्यपि अर्बन बेंट- टोऐड गेको खासीनेसिस समूह के अंतर्गत आती है। यह इस समूह के अन्य सदस्यों से माइटोकॉन्ड्रियल अनुक्रम डेटा और आकृति विज्ञान (जीव विज्ञान की शाखा जो पौधों और जानवरों के रूप और संरचना से संबंधित है) के पहलुओं में भिन्न होती है।
•छिपकली की नई प्रजाति साइरोडोडैक्टाइलस गुवाहाटीन्सिस (Cyrtodactylus Guwahatiensis) या गुवाहाटी बेंट- टोऐड गेको (Guwahati Bent-Toed Gecko) से आणविक संरचना, पीठ पर धब्बों एवं रंग में भिन्न है। साइरोडोडैक्टाइलस गुवाहाटीन्सिस को दो वर्ष पहले खोजा गया था।
•शहरीकरण और संकट: बढ़ता शहरीकरण गेकोस (Geckos) के अस्तित्व के लिये एक बड़ा खतरा है।
•असम का गुवाहाटी शहर कई महत्त्वपूर्ण प्रजातियों का निवास है। इस शहर में ब्रह्मपुत्र नदी के अलावा 18 पहाड़ियाँ, 8 आरक्षित वन, 2 वन्यजीव अभयारण्य और एक रामसर स्थल (दीपोर बील- Deepor Beel) होने के कारण शहरी जैव विविधता (Urban Biodiversity) को पनपने का अवसर मिल जाता है।
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