*पढ़ते समय नींद से कैसे बचें , नींद आने पर क्या करें !*
यह एक बहुत ही आम समस्या है। जैसे ही हम पढ़ने बैठते हैं नींद आने लग जाती है। और पढ़ने मे मन लगना भी बंद हो जाता है। यह स्थिति बच्चों के अंदर सबसे अधिक आती है। नींद आने पर कुछ समय तो जबरदस्ती पढ़ने की कोशिश करते हैं किंतु अंत मे उनको सोना ही पड़ता है। यह कोई एक दिन की समस्या नहीं है। वरन रोज जैसे ही बच्चे पढ़ने बैठते हैं नींद आने लग जाती है। वे चाहकर भी अपना पाठ याद नहीं कर पाते और उनके पास इस समस्या का कोई स्थाई समाधान भी नहीं होता। वैसे पढ़ते समय नींद आने के कई कारण हो सकते हैं किंतु यदि आप रोज भरपूर नींद लेते हैं और पढ़ने बैठते ही दूबारा नींद आने लगती है तो यह रोगगत समस्या हो सकती है। इसके समाधान हेतु आप निम्न टिप्स का अनुशरण कर सकते हैं-
*कम रौशनी में कभी ना पढ़ें :* बहुत से उम्मीदवार/छात्र सिर्फ़ एक स्टडी लैंप जला कर ही पढ़ाई करते हैं जिसकी वजह से कमरे के बाकी हिस्से में तकरीबन अंधेरा रहता है। ऐसा वातावरण आपको सोने के लिए प्रेरित करता है, ऐसे वातावरण में नींद आना तो लाजिमी है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए अपने स्टडी रूम को पूर्णतः प्रकाशमान रखें।
*बैड पे लेटकर पढ़ने से बचें :* पढ़ाई करते समय आपका आसन किस प्रकार है, यह भी बहुत महत्त्व रखता। बैड पर लेटकर कभी ना पढ़ें। इससे आप में आलस आ सकता है, जो कि नींद को आमंत्रित करता है। इसलिए पढ़ाई करते समय हमेशा कुर्सी पर सही ढंग से पीठ सीधी रखकर ही बैठें ही। सामने एक टेबल रखें और किताब गोद में रखकर पढ़ने की बजाए सामने टेबल पर रखकर पढ़ें। यदि आप कुर्सी पर बैठे है तो भी अपने हाथ या पाँव कुछ-कुछ समय अंतराल पर हिलाते रहे। इससे आपके शरीर में सुस्ती नहीं आएगी और सक्रियता बनी रहेगी।
*रोजाना करें पढ़ाई :* काफी विद्यार्थी/उम्मीदवार वर्ष भर नियमित पढ़ाई नहीं करते और परीक्षा के निकट आते ही सब कुछ पढ़ने के लिए 6 से 7 घंटे अध्ययन करने के लिए खुद को प्रेरित करते हैं पर जब पढ़ने बैठते हैं तो कुछ ही समय में उन्हें नींद आनी शुरू हो जाती है। उन्हें पढ़ा हुआ कुछ भी समझ नहीं आता और पूरी पढ़ाई बोरियत होने लगती है। अतः रोजाना पढ़ते रहें और पढ़ाई को बोझ और बोरियत न बनने दें। रोजाना न पढ़ना भी नींद आने का एक कारण है।
*पढ़ाई का समझ नहीं आना :* अगर आप पढ़ाई करने बैठ रहे हो लेकिन आपको ये नहीं पता की कौनसा विषय आपको पढ़ना है और आप कोई सा भी सब्जेक्ट उठा के पढ़ने बैठ जाते हो और आपको वो विषय समझ नहीं आता तो ऐसे में आपको नींद यानि आलस आना शुरू हो जाता है। इसके अतिरिक्त ध्यान से नहीं पढ़ने से नींद या आलस आना शुरू हो जाता है।
*पढ़ाई करते वक्त हमेशा नोट्स बनाएं :* जब भी आप पढ़ने बैठो आप जो भी पढ़ रहे हो साथ-ही-साथ उस टॉपिक का नोट्स भी बनाते चले। इससे आप को रीविजन करने में भी आसानी होगी और आपको पूरा पाठ पढ़ने की भी जरुरत नहीं होगी। जब भी आप नोट्स को पढ़ोगे तो भी आपको बोरियत नहीं होगी और आपको सम्पूर्ण सार एक जगह ही मिल जाएगा। आपको इसे पढ़ते वक्त नींद भी नहीं आएगी।
*देर तक पढ़ाई करना :* देर तक पढ़ाई करने से भी हमें नींद आनी शुरू हो जाती है भी चीज़ काफी देर तक पढ़ते है तो ऐसे में आपको नींद जरुर आएगी तो देर तक पढ़ना भी नींद आने का एक कारण है।
*नींद आने पर क्या करें –*
*एक्सरसाइज करे :* जिन लोगों को अधिक नींद आती है उन्हें हर रोज सुबह वज्रआसन का अभ्यास करना चाहिये। वज्रआसन करने से उन्हें नींद कम आएगी। आप ध्यान भी लगा सकते हैं, ऐसा करने पर आपका मन इधर-उधर नहीं भटकेगा और पढ़ाई में भी ध्यान लगेगा। जब आप अधिक देर से पढ़ रहे हैं और आपको नींद आने लगे तो ऐसे में आप 2 से 3 मिनट के लिए खड़े होके कोई भी व्यायाम (Exercise) कर सकते हैं। इससे आपकी नींद और आलसपन दूर हो जाएगा और आप फिर पढ़ाई कर सकेंगे।
*नींद आने पर चाय-कॉफी पिएं :* अगर आप पढ़ने बैठते हो और पढ़ते वक्त थकावट और नींद आना शुरू हो जाये तो ऐसे में कॉफी/चाय लेने से भी आप तरोताजा हो जाते है। कॉफ़ी/चाय पीने से आपकी थकान/आलस्य दूर हो जाएगी और आप फ्रेश महसूस करने लगोगे और जब आप फ्रेश महसूस करने लगोगे तो आपका नींद भी नहीं आएगी। तो कॉफ़ी/चाय पीकर आप पढ़ते वक्त नींद दूर भगा सकते हैं।
*नींद आने पर चलते-चलते या बोलकर पढ़े :*
अगर बैठ कर पढ़ते-पढ़ते आपको नींद आना शुरू हो जाये तो ऐसे में आप खड़े हो जाये और टहलते हुए पढ़ें। अगर आप अकेले पढ़ते हैं तो बोलकर भी पढ़ सकते हैं, इससे सारा आलस्य दूर हो जायेगा और आपको नींद भी नहीं आएगी।
अगर बैठ कर पढ़ते-पढ़ते आपको नींद आना शुरू हो जाये तो ऐसे में आप खड़े हो जाये और टहलते हुए पढ़ें। अगर आप अकेले पढ़ते हैं तो बोलकर भी पढ़ सकते हैं, इससे सारा आलस्य दूर हो जायेगा और आपको नींद भी नहीं आएगी।
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