Saturday, 27 October 2018

कश्मीर का भारत में विलय

🏵  ★कश्मीर का भारत में विलय★  🏵

धरती का स्वर्ग कहा जाना वाला कश्मीर 26 अक्टूबर, 1947 को भारत का हिस्सा बना था। जम्मू-कश्मीर का विलय भारत की राजनीति और इतिहास की सबसे अहम घटनाओं में से एक रहा।

आजादी के तुरंत बाद पाकिस्तान की तरफ से मिल रही चुनौती के बीच जम्मू-कश्मीर को भारत में विलय कराने में मिली सफलता ने उस समय इतिहास रच दिया था।

15 अगस्त, 1947 को भारत की आजादी के बाद ज्यादातर देशी रियासतों या रजवाड़ों ने अपना विलय भारत में कर लिया। लेकिन तीन रियासतों के शासकों ने भारत के साथ विलय से इनकार किया।

तीन शासक जूनागढ़ के नवाब, हैदराबाद के निजाम और कश्मीर के महाराजा हरि सिंह थे। 16 मार्च, 1846 को ब्रिटिश के कब्जे में आने के बाद कश्मीर एक देशी रियासत बन गया था। अंग्रेजों ने बाद में इसे गुलाब सिंह को दे दिया था जो उस समय जम्मू के राजा थे।

भारत में विलय के समय कश्मीर के शासक रहे महाराजा हरि सिंह उन्हीं गुलाब सिंह के वंशज थे। आजादी से पहले से ही पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की कश्मीर पर नजर थी।

कश्मीर में मुस्लिमों की बड़ी आबादी होने के कारण वह सोचते थे कि कश्मीर उनके देश का हिस्सा बन जाएगा। 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिलने के कई हफ्तों बाद हरि सिंह ने अपनी रियासत को पाकिस्तान या भारत के साथ विलय की इच्छा नहीं जताई।

फिर पाकिस्तान ने ताकत के बल पर जम्मू-कश्मीर को हड़पने की योजना बनाई। पाकिस्तान ने महाराजा हरि सिंह से जम्मू-कश्मीर को छीनने के लिए कबायलियों की एक फौज भेजने का फैसला किया।

24 अक्टूबर, 1947 को तड़के हजारों कबायली पठानों ने कश्मीर में घुसपैठ को अंजाम दिया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर की ओर रुख किया जहां से हरि सिंह शासन करते थे। संकट के इस समय में महाराजा हरिसिंह ने भारत से मदद की अपील की।

25 अक्टूबर को सरदार पटेल के करीबी वीपी मेनन को विमान से श्रीनगर भेजा गया। वीपी मेनन कश्मीर के भारत में विलय के लिए हरि सिंह की मंजूरी लेने के लिए गए थे।

26 अक्टूबर को हरि सिंह और उनका दरबार जम्मू शिफ्ट हो गयाताकि हमलावर कबायलियों से सुरक्षित रहें।

मेनन के कश्मीर पहुंचने के बाद हरि सिंह से कश्मीर के भारत में विलय की बात पक्की हो गई और विलय के दस्तावेजों पर हरि सिंह ने हस्ताक्षर कर दिए। इस तरह से जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय का काम पूरा हो गया।

देश दुनिया के इतिहास में 26 अक्टूबर की तारीख में दर्ज अन्य प्रमुख घटना

1979 : दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पार्क चुंग ही की उनके ही पुराने मित्र और कोरियाई केन्द्रीय गुप्तचर एजेंसी के प्रमुख किम जाए क्यू ने ''दुर्घटनावश हत्या कर दी। उन्हें उनके इस अपराध के लिए मौत की सजा दी गई। 

1947 : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी और 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन का जन्म। वह बराक ओबामा की सरकार में देश की विदेश मंत्री भी रहीं।

1958 : अमेरिका के पहले जेट विमान बोइंग 707 को पैन अमेरिका वर्ल्ड एयरवेज के लिए सेवा में शामिल किया गया।

1994 : इस्राइल और जॉर्डन ने 46 वर्ष के युद्ध के बाद शांति संधि पर हस्ताक्षर किए। संधि पर इस्राइल के प्रधानमंत्री यित्जक राबिन और जार्डन के प्रधानमंत्री अब्दल सलाम मजाली ने दस्तख्त किए। इस मौके पर अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी मौजूद थे।

1998 : मध्य अमेरिकी देशों मेक्सिको, होंडुरास और निकारागुआ में इतिहास का सबसे घातक तूफान आने से तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और हजारों अन्य बेघर हो गए।

2006 : भारत में महिलाओं को दहेज हिंसा के मामलों और घरेलू हिंसा से बचाने के लिए एक कानून पारित किया गया।

1947 : बंटवारे के बाद पाकिस्तान की ओर से हमला होने पर जम्मू कश्मीर के राजा हरि सिंह ने भारत के साथ जाना तय किया।

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