*{भारत और अमेरिका की पहली 2+2 वार्ता }*
[Sep 07, 2018]
⚖ *सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2: शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध।*
⚖(खंड- 18 : : द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह तथा भारत से संबंधित अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)
Defence Deal
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⚖⭕चर्चा में क्यों?⭕⚖
हाल ही में भारत-अमेरिका के बीच पहली 2+2 वार्ता संपन्न हुई। इस वार्ता के दौरान अमेरिकी रक्षा सचिव जिम मैटिस और राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने राजनीतिक और सुरक्षा संबंधों को मज़बूत बनाने के उद्देश्य से अपने भारतीय समकक्ष रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ कई महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
⚖▶वार्ता संबंधी प्रमुख बिंदु ◀⚖
दोनों सरकारों के बीच 50 से अधिक द्विपक्षीय वार्ता तंत्र है किंतु भारत के प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच शिखर स्तर की भागीदारी के बाद यह सहभागिता का सबसे उच्चतम स्तर है।
⭕इस वार्ता के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये सहयोग करने की बात को दोहराया साथ ही दोनों देशों के बीच आर्थिक विकास, समृद्धि और प्रगति के बारे में दोनों देशों के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने पर ज़ोर दिया।
⭕दोनों देशों के समकक्ष, संयुक्त राष्ट्र और फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों के माध्यम से मज़बूत संबंधों को स्थापित करने पर सहमत हुए।
⭕इस वार्ता के दौरान दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच हॉटलाइन शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है जिससे दोनों रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच सीधा संपर्क स्थापित हो जाएगा।
⭕वर्तमान में भारत और अमेरिका के सुरक्षा बल साथ-साथ प्रशिक्षण और संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं और इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिये वर्ष 2019 में भारत के पूर्वी तट पर अमेरिकी बलों के साथ पहली बार तीनों सेनाएँ संयुक्त अभ्यास करेंगी, का निर्णय लिया गया।
⭕अमेरिका द्वारा भारत को अपना प्रमुख रक्षा साझेदार बनाने के विषय पर विस्तार से चर्चा हुई।
⭕उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने भारत को STA-1 का दर्जा प्रदान किया है।
Mission आईएएस 7844908162
⚖⭕सामरिक व्यापार प्राधिकरण या स्ट्रैटजिक ट्रेड ऑथोराइज़ेशन (STA)⭕⚖
Mission आईएएस 7844908162
⚖⭕सामरिक व्यापार प्राधिकरण या स्ट्रैटजिक ट्रेड ऑथोराइज़ेशन (STA)⭕⚖
✍वर्ष 2011 में निर्यात नियंत्रण सुधार पहल के रूप में सामरिक व्यापार प्राधिकरण या स्ट्रैटजिक ट्रेड ऑथोराइज़ेशन की अवधारणा प्रस्तुत की गई।
✍इसके अंतर्गत दो सूचियाँ- STA-1 और STA-2 बनाई गईं, जो देश इन दोनों में से किसी भी सूची में शामिल नहीं थे, उन्हें दोहरी उपयोग की वस्तुओं के निर्यात के लिये लाइसेंस की आवश्यकता पड़ती थी।
✍STA-1 सूची में NATO के सहयोगी और ऑस्ट्रेलिया, जापान तथा दक्षिण कोरिया सहित 36 देश शामिल हैं, इन देशों की अप्रसार व्यवस्था को अमेरिका द्वारा सबसे अच्छा कहा गया है।
✍ये देश चारों बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था- परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (NSG), मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (MTCR), ऑस्ट्रेलिया समूह और वासनेर व्यवस्था के हिस्सा हैं।
✍यह व्यवस्था अमेरिका से निर्यात के संबंध में लाइसेंस अपवाद की अनुमति देती है।
✍अमेरिकी सरकार इस प्रकार के प्राधिकरण को निश्चित स्थितियों में लेन-देन विशिष्ट लाइसेंस (transaction – specific license) के बिना निश्चित वस्तुओं के निर्यात की अनुमति देती है।
✍STA-1 देशों को निर्यातित वस्तुओं में राष्ट्रीय सुरक्षा, रासायनिक या जैविक हथियार, परमाणु अप्रसार, क्षेत्रीय स्थिरता, अपराध नियंत्रण आदि शामिल हैं।
✍उल्लेखनीय है कि STA-1 में शामिल होने से पहले भारत सात अन्य देशों अल्बानिया, हॉन्गकॉन्ग, इज़राइल, माल्टा, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका और ताइवान के साथ STA-2 की सूची में शामिल था।
✍बैठक के दौरान ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत भारत में रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहन देने के संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जायजा लिया गया।
✍इस वार्ता के दौरान सैन्य संचार से संबंधित समझौते COMCASA पर हस्ताक्षर किये गए।
⚖⭕COMCASA⭕⚖
✍संचार संगतता और सुरक्षा समझौता (Communications Compatibility and Security Agreement-COMCASA) एन्क्रिप्टेड संचार प्रणाली के हस्तांतरण को सरल बनाता है तथा उच्च तकनीक वाले सैन्य उपकरणों को साझा करने हेतु यह समझौता अमेरिका की प्रमुख आवश्यकता है।
Mission आईएएस 7844908162
✍यह समझौता संयुक्त राज्य अमेरिका को अपने इन्क्रिप्टेड (Encrypted) संचार उपकरणों और गुप्त प्रौद्योगिकियों को भारत के साथ साझा करने की अनुमति देगा, जिससे दोनों पक्षों के उच्च स्तर के सैन्य-नेतृत्व के बीच युद्धकाल और शांतिकाल दोनों में ही सुरक्षित संचार संभव हो सकेगा।
✍इससे संयुक्त सैन्य अभियान के दौरान सुरक्षित संचार में सहायता मिलेगी।
✍इस तरह की उन्नत प्रौद्योगिकियों और संवेदनशील उपकरणों को सामान्यत अमेरिका से खरीदे गए सिस्टमों पर ही स्थापित किया जाता है।
✍अत: यह समझौता भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के लिये मील का पत्थर सिद्ध होगा।
✍साथ ही इस तकनीक की मदद से भारत को चीन पर नज़र रखने में भी मदद मिलेगी।
✍इसके अलावा आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देशों ने साथ लड़ने का फैसला किया।
✍महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस वार्ता से दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र दक्षिण अफ्रीका और हिंद महासागर में चीन के विस्तार के प्रभाव को कम करने हेतु बेहद
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