Thursday 23 August 2018

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने तिरुवनंतपुरम में एक चक्रवात चेतावनी केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने तिरुवनंतपुरम में एक चक्रवात चेतावनी केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव
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मंत्रालय अगले एक महीने (अक्टूबर) के भीतर इस केंद्र को स्थापित करने की योजना बना रहा है.

चक्रवात चेतावनी केंद्र:

वर्तमान में, भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के पास केवल चेन्नई, विशाखापत्तनम, भुवनेश्वर, कोलकाता, अहमदाबाद और मुंबई में चक्रवात चेतावनी केंद्र हैं.

स्थापित करने का मुख्य कारण:

केरल और कर्नाटक में चक्रवाती तूफान और अन्य मौसम संबंधी गंभीर गतिविधियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक महीने के भीतर तिरुवनंतपुरम में चक्रवात चेतावनी केंद्र स्थापित करने की पहल की है.

मुख्य तथ्य:

केंद्र सरकार केरल और कर्नाटक की जरूरतों को पूरा करेगी और सभी राज्यों को मौसम की चेतावनियों तथा तटीय बुलेटिन (मछुआरों आदि के लिए) जारी करने के लिए पूर्वानुमान उपकरण सहित सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराएगी.
इस कदम से भारतीय मौसम विभाग के केरल में स्थित वर्तमान पूर्वानुमान गतिविधियों को और मजबूती मिलेगी.
विभाग सभी राज्यों के राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारियों तथी अन्य हितधारकों के साथ अगले महीने एक जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने की योजना बना रहा है.
प्रभावी निर्णय लेने के लिए इस कार्यशाला में अधिकारियों को नए उपकरणों तथा उनके उपयोग के बारे में जानकारी दी जाएगी.

सी-बैंड डोप्लर मौसम राडार स्थापित करने की योजना:

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय 2019 के अंत तक मैंगलोर में भी एक और सी-बैंड डोप्लर मौसम राडार स्थापित करने की योजना बना रहा है, जो केरल के उत्तरी हिस्सों को कवर करेगा.
वर्तमान में केरल में दो डोप्लर मौसम राडार हैं जिनमें एक कोच्चि और दूसरा तिरुवनंतपुरम में स्थित है.
इन 3 राडारों के माध्यम से पूरे राज्य में बारिश और गंभीर मौसम की घटनाओं की निगरानी रखी जाएगी और लोगों को मौसम संबंधित चेतावनी पहले से ही जारी की जाएगी. आईएमडी ने अब तक कई नए प्रारूप विकसित किए हैं.
अन्य जानकारी:

केंद्र सरकार केरल और कर्नाटक के तटीय इलाकों में नियमित मौसम चेतावनी के अलावा मछुआरों के लिए विशेष बुलेटिन जारी करने सहित अन्य कारगर कदम उठाएगी. साथ ही केरल में मौसम संबंधी पूर्वानुमान प्रणाली की मौजूदा व्यवस्था को और अधिक कारगर बनाया जाएगा.
विभाग ने मौसम के पूर्वानुमान की विश्वस्तरीय प्रणाली को विकसित करते हुए मौसम संबंधी आपदा की चेतावनी को 15 से 20 दिन पहले तक जारी करने की व्यवस्था लागू की है.
इसमें मौसम संबंधी गतिविधियों की अति सक्रियता को देखते हुए ‘नाउकास्ट’ प्रणाली के माध्यम से आपदा से दो या तीन घंटे पहले तक चेतावनी जारी की जा सकती है. इसके अलावा मौसम विभाग अक्टूबर महीने से सभी राज्यों के आपदा प्रबंधन प्राधिकारियों एवं अन्य संबंद्ध इकाइयों के लिए जागरुकता एवं प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की तैयारी कर रहा है.

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