पीएम मोदी के तहत भारत-अफ्रीका संबंध
चर्चा में क्यों है भारत-अफ्रीका संबंध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पांच दिवसीय अफ्रीका महाद्वीप के दौरे पर हैं। इस दौरे के तहत पहले वे रवांडा गए फिर पीएम युगांडा पहुंचे। इसके बाद वे जोहानिसबर्ग में 10वे ब्रिक्स शिखर सम्मलेन में हिस्सा लेने के लिए गए। बहरहाल, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जुलाई 2018 को युगांडा की संसद को संबोधित किया। यह भारत के किसी प्रधानमंत्री की 20 वर्षो बाद पहली युगांडा यात्रा है। पहली बार भारत का किसी प्रधानमंत्री ने युगांडा की संसद को संबोधित किया है। उन्होंने कहा कि भारत की प्राथमिकताओं में अफ्रीका शीर्ष पर रहेगा। मोदी ने कहा कि भारत युगांडा के जिन्जा में उस पवित्र स्थल पर 'गांधी विरासत केन्द्र' का निर्माण करेगा, जहां फिलहाल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारी साझेदारी में अभी 40 से ज्यादा अफ्रीकी देशों में तकरीबन 11 अरब डॉलर की 180 ऋण सुविधाओं को लागू करना शामिल है।'
विभिन्न क्षेत्रों में चार एमओयू पर हस्ताक्षर
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी के बीच 24 जुलाई 2018 को रक्षा क्षेत्र, राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा में छूट, सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम और सामग्री परीक्षण प्रयोगशाला को लेकर चार एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। युगांडा और भारत के बीच लगभग 200 मिलियन डॉलर की दो लाइन ऑफ क्रेडिट पर भी सहमति बनी है। इसमें से 14.1 करोड़ डॉलर बिजली लाइनों के लिए और 6 करोड़ 40 लाख डॉलर कृषि और डेरी उत्पादों के लिए दिया गया है। मौजूदा समय में भारत ने 40 से ज्यादा अफ्रीकी देशों को 11 अरब डॉलर से ज्यादा का सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि भारत अफ्रीका के कृषि क्षेत्र के विकास के लिए साथ काम करेगा।
मोदी ने कहा कि भारत और अफ्रीकी देशों के संबंध 10 सूत्रीय मंत्र पर आधारित होंगे-
अफ्रीका हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर होगा। हम अफ्रीका के साथ अपने संबंधों को और गहरा करेंगे। हमारे संबंध नियमित तौर पर बढ़ेंगे।
हमारी डिवेलपमेंट पार्टनरशिप प्राथमिकता के आधार पर होगी। यह उन शर्तों पर होगा जो आपके लिए सहूलियत भरी होंगी, जो आपकी क्षमता को मुक्त करेंगे और आपके भविष्य को बाधित नहीं करेंगी।
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