#SCO के बारे में सबकुछ #भारत_की_सदस्यता
=> SCO का क्या है उद्देश्य
शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 2001 में हुई थी। इसके उद्देश्यों में सीमा विवादों का हल, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ाना और सेंट्रल एशिया में अमेरिका के बढ़ते प्रभाव को काउंटर करना शामिल है।
=>ये हैं सदस्य
चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान।
=>क्यों अहम है SCO?
इसे NATO को काउंटर करने वाले संगठन के तौर पर देखा जाता है।
सदस्य देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाता है।
आतंकवाद से निपटने खासकर IS आतंकियों से निपटने में मदद करता है।
क्षेत्र में आर्थिक सहयोग बढ़ाना।
=>संगठन के सामने ये हैं चुनौतियां
भारत चीन के महत्वाकांक्षी 'वन बेल्ट वन रोड' (OBOR) प्रोजेक्ट का विरोध करता है। भारत और पाकिस्तान के बीच परंपरागत तीखे रिश्ते भी SCO के सामने बड़ी चुनौती हैं, क्योंकि दोनों ही देश इस संगठन के सदस्य हैं। इसके अलावा यूक्रेन को लेकर रूस और चीन के बीच तकरार भी SCO के सामने खड़ी चुनौतियों में से एक है।
=>भारत का SCO में आना कितना असरदार?
- अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकारों की मानें तो शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में चीन, रूस के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा देश है। भारत का कद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहा है। एससीओ को इस समय दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन माना जाता है.
- एससीओ से जुड़ने से भविष्य में भी भारत को फायदा होगा। भारतीय हितों की जो चुनौतियां हैं, चाहे वो आतंकवाद हों, ऊर्जा की आपूर्ति या प्रवासियों का मुद्दा हो। ये मुद्दे भारत और एससीओ दोनों के लिए अहम हैं और इन चुनौतियों के समाधान की कोशिश हो रही है।
- ऐसे में भारत के जुड़ने से एससीओ और भारत दोनों को दूरगामी फायदा होगा। इस बार भारत पहली बार शंघाई सहयोग संगठन में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल हुआ।
#IAS #UPSC #MPPSC #RPSC #CGPSC #UPPSC
No comments:
Post a Comment