#दैनिक_समसामयिकी
12 June 2018(Tuesday)
1.अमेरिका की ‘‘पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण’ पर उ. कोरिया को विशिष्ट गारंटी की पेशकश
• अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन के बीच मंगलवर को होने वाली ऐतिहासिक शिखर वार्ता से पहले अमेरिका ने सोमवार को उत्तर कोरिया को पेशकश की कि यदि वह ‘‘पूर्ण, सत्यापित और अपरिवर्तनीय परमाणु निरस्त्रीकरण’ को स्वीकार करता है तो अमेरिका उसे ‘‘विशिष्ट’ सुरक्षा गारंटी देगा।
• सेंटोसा द्वीप के कैपेला होटल में ट्रंप और किम की शिखर वार्ता की पूर्व संध्या पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि मंगलवार को किम के साथ होने वाली ‘‘बहुत दिलचस्प मुलाकात’ से ‘‘अच्छे’ नतीजों पर पहुंचा जा सकता है। बाद में अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पोम्पियो ने कहा, तैयारियों को लेकर बातचीत बहुत तेजी से आगे बढ रही है और उन्हें अमेरिका के अनुमान से भी अधिक ‘‘तार्किक निष्कर्ष’ पर पहुंचने की उम्मीद है।
• पोम्पियो ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में बताया, उत्तर कोरिया का पूर्ण, सत्यापित और अपरिवर्तनीय परमाणु निरस्त्रीकरण ही इस शिखर वार्ता का एकमात्र नतीजा है जो अमेरिका को स्वीकार्य होगा। उन्होंने कहा, अमेरिका पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उत्तर कोरिया को ‘‘विशिष्ट’ सुरक्षा गारंटियों की पेशकश करने के लिए तैयार है जो मौलिक तौर पर पहले से भिन्न होंगे।
• पोम्पियो ने कहा, हम ऐसे कदम उठाएंगे जिससे उन्हें यह इत्मीनान हो सके कि परमाणु निरस्त्रीकरण कुछ ऐसा नहीं है जिससे उन्हें कोई नुकसान हुआ है। हालांकि, उन्होंने कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण का लक्ष्य हासिल होने तक उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगे रहेंगे। पोम्पियो ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि किम के पास अभूतपूर्व मौका है कि वह हमारे रिश्तों की दिशा बदल दें और अपने देश में शांति एवं समृद्धि कायम करें।
• उन्होंने कहा, हमारे दोनों नेताओं के आमने-सामने बैठने का तय इस बात का संकेत है कि कुछ हासिल करने की अपार संभावनाएं हैं जिससे हमारे लोगों और समूची दुनिया को बहुत लाभ होंगे।
• विदेश मंत्री ने कहा, अमेरिका के पिछले प्रशासनों को उत्तर कोरिया ने छला है, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने परमाणु अप्रसार विशेषज्ञों और जनसंहार के हथियारों के विशेषज्ञों को जमीनी स्तर पर भेजा ताकि निरस्त्रीकरण की प्योंगयांग की इच्छा का पता लगाया जा सके। पोम्पियो ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप किम से मुलाकात के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
2. भारत और पाक संबंधों में सुधार की वजह बन सकता है एससीओ : चीन
• चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार का बड़ा वाहक बन सकता है। इसका कारण है कि संगठन उन्हें अपने द्विपक्षीय रिश्तों को बनाने का बेहतर मंच और अवसर मुहैया कराता है।
• सरकारी सीजीटीएन को दिए साक्षात्कार में वांग ने कहा, ‘हम जानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच कई वर्तमान और ऐतिहासिक अनसुलङो मसले हैं, लेकिन एससीओ में शामिल होने के बाद उन्हें कई समझौतों पर हस्ताक्षर और संकल्प करने पड़े हैं। प्रमुख आधारों में एक (एससीओ में शामिल होने के) अच्छे और दोस्ताना संबंध हैं। उन्हें एक-दूसरे को विरोधी या शत्रु के तौर पर नहीं देखना चाहिए। चूंकि उन्होंने इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं इसलिए उन्हें लागू करने की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर है।
• मुझे लगता है कि एससीओ दो देशों के संबंधों को बेहतर बनाने का बड़ा वाहक बन सकता है। इससे क्षेत्र की शांति और स्थायित्व का बेहतर बचाव हो सकेगा।’ वांग ने कहा कि अफगानिस्तान एससीओ की शीर्ष प्राथमिकता में है क्योंकि सभी सदस्य देशों की सीमाएं उससे लगती हैं।
• सभी इस बात पर सहमत थे कि संयुक्त प्रयासों के जरिये ही अफगानिस्तान में शांति और मेल-मिलाप की जारी प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सकती है।
3. संकट में पाकिस्तान; सिर्फ 2 माह के आयात लायक विदेशी मुद्रा, 6 महीने में तीसरी बार घटाई अपने रुपए की कीमत
• पाकिस्तानी रुपया सोमवार को 4% कमजोर हो गया। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने इसकी कीमत घटाई है। दिसंबर से अब तक रुपए का तीन बार डिवैलुएशन हो चुका है। दिसंबर और मार्च में इसकी कीमत 5-5% घटाई गई थी।
• सात महीने में डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए की कीमत 14% घट गई है। यह एशियाई देशों में सबसे ज्यादा है। सोमवार को एक डॉलर 119.85 रुपए पर बंद हुआ। स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक का आकलन है कि साल के अंत तक पाकिस्तानी करेंसी की वैल्यू 125 रुपए तक गिर सकती है। हालांकि कुछ ट्रेडर्स का कहना है कि एसबीपी ने कीमत नहीं घटाई। डॉलर की मांग बहुत ज्यादा बढ़ने से पाकिस्तानी करेंसी कमजोर हुई है। एसबीपी ने हस्तक्षेप नहीं किया और इसे गिरने दिया।
• चर्चा है कि इस स्थिति से उबरने के लिए वह आईएमएफ से कर्ज लेगा। इससे पहले उसने 2013 में आईएमएफ से कर्ज लिया था।
• विशेषज्ञों का कहना है कि आईएमएफ करेंसी की वैल्यू घटाने के लिए कह सकता है। इसलिए पाकिस्तान यह दिखाना चाहता है कि वह पहले से इसकी तैयारी कर रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम करने के लिए वह चीन से भी बात कर रहा है।
• पाकिस्तान मुख्य रूप से गारमेंट और चावल के निर्यात में भारत को टक्कर देता है। कुछ हद तक सीमेंट और इंजीनियरिंग गुड्स में भी।
• कम विकसित देश होने के कारण पाकिस्तान से आयात पर यूरोप में कोई शुल्क नहीं लगता, जबकि विकासशील देश होने के नाते भारत से आयात पर शुल्क लगता है। करेंसी सस्ती होने से पाकिस्तान का निर्यात ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो सकता है।
4. आर्थिक आंकड़ों का फिर बदलेगा आधार वर्ष
• सरकार ने आर्थिक गतिविधियों से जुड़े वृहद आर्थिक संकेतकों और संकलित आकड़ों जैसे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), खुदरा और थोक महंगाई तथा औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार वर्ष को संशोधित कर 2017-18 करने का निर्णय लिया है।
• सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने यहां इस संबंध में जारी स्पष्टीकरण में कहा कि वह नए आधार वर्ष के अनुसार, डाटा हासिल करने के लिए अन्य मंत्रालयों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मांलय ने कहा है कि नियमित रूप से वृहद आर्थिक संकलित आंकड़े और संकेतक जारी किए जाते हैं।
• इस तरह के अनुमानों को तैयार करने में सांख्यिकीय प्रक्रियाएं खुली, पारदर्शी और सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं एवं मानकों के अनुरूप होती हैं। विभिन्न तकनीकी समितियों में विस्तृत विचार-विमर्श के बाद ही संबंधित प्रक्रियाएं एवं अनुमान तैयार किए जाते हैं और संबंधित सिफारिशों को सार्वजनिक तौर पर पेश किया जाता है। इसके अलावा, संबंधित नमूने के आकार के साथ-साथ विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी आँकड़ों का उपयोग बढ़ाने के भी प्रयास किए गए हैं।
• अनुसंधान विश्लेषकों, विशेषज्ञों एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों सहित समाज के विभिन्न वगरें ने इन उपायों की सराहना की है। हालांकि, हाल ही में मीडिया के एक वर्ग ने विभिन्न सांख्यिकीय उत्पादों के आधार वर्षों में संशोधन के साथ-साथ भारत सरकार द्वारा व्यक्त किए गए अनुमानों के बारे में खबरें आई हैं। इसके मद्देनजर यह स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा गया है कि समय-समय पर जारी किए जाने वाले वृहद आर्थिक संकेतक और अनुमान अत्यंत आवश्यक होते हैं क्योंकि नीति निर्माताओं को आर्थिक गतिविधि के मौजूदा स्तर के बारे में विश्वसनीय सूचना देने के साथ यह बताना भी जरूरी है कि विगत अवधियों की तुलना में आर्थिक गतिविधियों का मौजूदा स्तर क्या है।
5. भारत को चावल का मिलेगा बड़ा बाजार
• चीनी अधिकारियों का एक दल इस माह के अंत तक देश की कुछ गैर बासमती चावल मिलों का दौरा कर उनके यहां स्वच्छता मानकों के अनुपालन की जांच कर सकता है। इस दल की रपट के आधार पर चीन इन मिलों का चावल का आयात करने की अनुमति दे सकता है। इस पहल से भारत को एक बड़ा चावल बाजार मिलने की उम्मीद है।अभी चीन ने अपने यहां भारत से केवल बासमती चावल के आयात को मंजूरी दी हुई है।
• उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अलग से हुई बैठक के बाद चीन ने भारत से गैर बासमती चावल आयात करने के बारे में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत भारत से निर्यात किए जाने वाले चावल को चीन में बाहर से आने वाले पादप उत्पादों के आरोग्या एवं स्वच्छता संबंधी कानून और नियमों के अनुकूल होना चाहिए।
• अधिकारी ने उम्मीद जताई कि इस प्रक्रिया के पूरे होने के बाद भारतीय मिलें चीन को निर्यात शुरू कर सकेंगी। निर्यात किया जाने वाला चावल मिट्टी, जंगली घास के बीज, धान की पतवार, चावल की भुसी और चावल के पौधे के किसी भी तरह के कचरे मुक्त होगा।
• अप्रैल 2017 से फरवरी 2018 के बीच देश से गैर बासमती चावल का निर्यात 3.26 अरब डालर रहा जो वर्ष 2016-17 में 2.53 अरब डालर था। चीन के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भारत को एक बड़ा चावल बाजार मिलने की उम्मीद है।
6. बड़े कर्जदारों के लिए आरबीआइ का संशोधित कर्ज मसौदा जारी
• भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने बैंक क्रेडिट के भुगतान से संबंधित नए दिशा-निर्देशों का मसौदा सोमवार को जारी कर दिया है। इसका मकसद बैंकिंग सिस्टम से परिचालन पूंजी के रूप में कर्ज ले रहे बड़े कर्जदारों के अनुशासन में सुधार करना है।
• नए मसौदे के तहत बैंकों से परिचालन पूंजी के रूप में ली जा रही रकम में लोन की मात्र तय कर दी गई है और शेष रकम को कैश क्रेडिट या नकद उधार और ओवरड्राफ्ट लिमिट में डालने का प्रावधान किया गया है।
• मसौदे में रिजर्व बैंक ने कहा कि जिन कर्जदारों को परिचालन पूंजी के मद में 150 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा कर्ज लेने की सुविधा हासिल है, उनके लिए इस वर्ष पहली अक्टूबर से मांगी गई रकम में से लोन के मद में 40 फीसद हिस्सा ही दिया जाएगा। बाकी हिस्सा कैश क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट लिमिट के मद में दिया जाएगा।
• दिशा-निर्देशों के मुताबिक लोन के मद में रखी गई राशि अगले वर्ष अप्रैल से 60 फीसद की जाएगी। 1मसौदे में यह भी कहा गया है कि अगले वर्ष पहली अप्रैल से ऐसे बड़े कर्जदारों को आवंटित कैश क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट लिमिट अगर नहीं निकाली जाती है, तो उस पर 20 फीसद के हिसाब से क्रेडिट कन्वर्जन फैक्टर लगाया जाएगा।
• ऐसी रकम के मामले में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि बैंक से नहीं निकाली गई रकम बिना शर्त रद होने लायक है या नहीं। आरबीआइ ने मसौदे पर सभी पक्षों से 26 जून तक सुझाव और आपत्तियां मांगे हैं।
• आरबीआइ ने ये दिशानिर्देश बड़े कजर्दारों को पूंजी प्रवाह को सळ्चारु करने लेकिन अनुशासन रखने के लिए जारी किए हैं।
7. सरकार अगले महीने लाएगी 500 करोड़ का क्रेडिट फंड
• सरकार बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं की कर्ज तक पहुंच बढ़ाने के लिए जुलाई में 500 करोड़ रुपये का क्रेडिट इन्हांसमेंट फंड (सीईएफ) लांच कर सकती है। वित्त मंत्रलय में इन्फ्रास्ट्रक्चर, पॉलिसी और फाइनेंस के संयुक्त सचिव कुमार विनय प्रताप ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इन्फ्रा परियोजनाओं में इंश्योरेंस और पेंशन फंड्स के जरिये कर्ज को विस्तार दिया जाएगा।
• प्रताप ने कहा, ‘सरकार इन्फ्रा परियोजनाओं को कर्ज मुहैया कराने के लिए एक समर्पित फंड लांच कर रही है। इसका मकसद इन्फ्रा कंपनियों द्वारा जारी बांड्स की रेटिंग को मजबूती देना और पेंशन और तथा इंश्योरेंस फंड्स जैसे निवेशकों को सुविधा प्रदान करना है। यह फंड अगले महीने लांच कर दिए जाने की पूरी संभावना है।’
• उन्होंने कहा कि फंड के तहत शुरुआती 500 करोड़ रुपये इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आइआइएफसीएल) द्वारा प्रायोजित होंगे। सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए आम बजट पेश करते हुए पहली बार क्रेडिट इन्हांसमेंट फंड स्थापित करने की बात कही थी। योजना के मुताबिक सीईएफ में आइआइएफसीएल की 22.5 फीसद हिस्सेदी होगी। वहीं, एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (एआइआइबी) ने फंड में 10 फीसद हिस्सेदारी लेने की स्वीकृति दी है।
• उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ), बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) तथा भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) ने भी हिस्सेदारी लेने की स्वीकृति दी है।
• प्रताप ने कहा कि वर्तमान में इन्फ्रा कंपनियों में निवेश को लेकर एक तरह का असंतुलन है। इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनियों द्वारा जारी बांड्स की रेटिंग मुख्य तौर पर ‘बीबीबी’ होती है, जबकि पेंशन और इंश्योरेंस फंड्स जैसे लंबी अवधि के निवेशकों को न्यूनतम ‘एए’ रेटिंग में ही निवेश की इजाजत होती है।
8. समुद्र में बढ़ते प्रदूषण से जीवों की जा रही जान
• थाइलैंड में एक कछुए के पेट से भारी मात्र में प्लास्टिक, रबड़ बैंड, गुब्बारे के टुकड़े और कूड़ा मिला है। कूड़े के कारण उसकी आंत की नली जाम हो गई थी, जिसके कारण वह भोजन नहीं कर पा रहा था और मर गया।
• पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उसके पेट में प्लास्टिक के 80 बैग मिले। हाल ही में इसी वजह से एक व्हेल की भी जान जा चुकी है। पर्यावरणविदों का कहना है कि दोनों ही जीवों की मौत समुद्र में बढ़ रहे प्रदूषण का संकेत है, जिसे नजरअंदाज करना आंखों पर पट्टी बांधने जैसा है।
• उल्लेखनीय है कि दुनियाभर के कई देशों से थाइलैंड प्लास्टिक का निर्यात किया जाता है। यह दुनिया के उन देशों में शुमार है, जहां प्लास्टिक का बहुत अधिक मात्र में प्रयोग किया जाता है। इसके चलते हर साल कई समुद्री स्तनधारी और सरीसृपों की मृत्यु हो जाती है।
• देश के संरक्षित जीवों में शामिल इस हरे कछुए की मौत चार जून को हुई। वह बहकर चंथाबुरी के तट पर आ गया था।
• ईस्टर्न मरीन एंड कोस्टल रिसोर्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर के पशु चिकित्सक वीरापोंग ने बताया, ‘एक्स-रे जांच में उसके पेट में कूड़ा पाया गया। वह कमजोर महसूस कर रहा था और तैर नहीं पा रहा था। हमने नस के माध्यम से उसे भोजन देने की कोशिश की, लेकिन उसे बचा नहीं सके।’
• पिछले कुछ वर्षो में करीब 10 फीसद कछुओं की मौत आंत में प्लास्टिक चले जाने या कूड़े से होने वाले संक्रमण से हुई है। इस साल करीब 50 फीसद कछुओं की मौत पेट में कूड़ा भरने से हुई है।
• 2015 में आई ओशियन कंजरवेंसी रिपोर्ट के मुताबिक, पांच एशियाई देश चीन, इंडोनेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और थाइलैंड हर साल करीब 80 लाख टन कूड़ा महासागर में बहाते हैं। इसके चलते इसमें रहने वाले जीवों के जीवन पर संकट मंडरा रहा है।
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